कविता

मंकबत: वारिस ए पाक

पयाम ए हक़ है पयाम ए वारिसख़ुदा ही जाने मक़ाम ए वारस हैं उस के वारिस हुज़ूर ए अकरमजो होगा दिल से गुलाम ए वारिस भटक नही सकता राह ए हक़ सेजिसे मयस्सर है जाम ए वारिस है इश्क़ का बस यही तक़ाज़ाज़ुबाँ पे हर दम हो नाम ए वारिस फिर आया सालाना उर्स ए […]

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नात ए रसूल

फ़ैसल क़ादरी गुन्नौरी आँख जो दीदार की उन के तमन्नाई ना होया ख़ुदा उस आँख में बहतर है बीनाई ना हो जिस में उन के इश्क़ का डेरा नही वो दिल ही क्यासर ही क्या है जो शहे वाला का सौदाई ना हो उन की मिदहत से रहे ग़ाफ़िल ज़ुबाँ जिस दिन मिरीया ख़ुदा उस […]

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मनक़बत बा मौक़ा उर्से सरकार साहिब उल इक़्तिदार सय्य्दना मुर्शिदना व मौलाना अश्शाह शैख़ मुती उर्रसूल अब्दुल मुक़्तदिर क़ादरी बदायूँनी क़ुद्दुस सिर्राहुल अज़ीज़

फ़ैसल क़ादरी गुन्नौरी मैं ग़ुलाम ए शैख़ हूँ , हैं मेरे शाहे मुक़्तदिररह्ती है हर दम ग़ुलामों पर निगाहे मुक़्तदिर सर को सज्दे में झुका कर वस्ल ए हक़ को पा लियाकैसे कोई भूल जाये सज्दा गाहे मुक़्तदिर उन के क़दमों में झुके शाहों के सर देखे गयेहोगी कितनी शान वली फिर कुलाहे मुक़्तदिर आफ़त […]

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नात ए रसूल: नबी की याद में बीमार होना

फ़ैसल क़ादरी गुन्नौरी ग़म ए दुनिया से यूँ बेज़ार होनानबी की याद में बीमार होना वूजूद ए ख़ल्क़ का मक़सद यही थामिरे आक़ा का जलवा बार होना बुलायें जब कभी सरकार तैबाअदब से हाज़िर ए दरबार होना यक़ीनन बादशाही से है अफ़ज़लगदा ए सय्यद ए अबरार होना क़यामत में नज़र आयेगा मुन्किरनबी का मालिक ओ […]

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ग़ज़ल: वो हुस्न अपनी ग़ज़ल के रचाव में रखना

ज़की तारिक़ बाराबंकवीसआदतगंज,बाराबंकी,उत्तर प्रदेश लगाए दिल को किसी के लगाव में रखनाफ़क़त है ख़ुद को हमेशा तनाव में रखना बड़ा अजब है ज़माना है कहता इश्क़ इसेकिसी के दिल से दिल अपना मिलाव में रखना जो सब को खींच ले दीवाना कर के अपनी तरफ़वो हुस्न अपनी ग़ज़ल के रचाव में रखना है मेरा मश्विरा […]

कविता जीवन चरित्र

किताबे इश्क़ व वफा हैं खदिजतुल कुबरा

10 रमज़ानूल मुबारक यौमे विसाल उम्मुल मोमिनीन ज़ौजए रसूल हज़रत खदिजतुल कुबरा रदियल्लाहो तआ़ला अन्हा अशरफ रज़ा क़ादरीखतीबो इमाम मस्जिदें अमीने शरीअ़तबलौदाबाजार छत्तीसगढ़ किताबे इश्क़ व वफा हैं खदिजतुल कुबरानिसाबे सब्रो रज़ा हैं खदिजतुल कुबरा अमीना, पारसा, आला नसब, सलीक़ा शेआ़रखुदा ही जाने के क्या हैं खदिजतुल कुबरा हयाओ़ हिल्म की उनसे है रौशनी फैलीचराग़े […]

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नात: ढूंढते हैं लोग उन जैसा बशर बेकार है

ढूंढते हैं लोग उन जैसा बशर बेकार हैमुस्तफ़ा का मिस्ल कोई भी नहीं संसार में बे खुदी होती है कैसी हसरते दीदार मेंडस लिया एक मार ने, एक यार को, एक ग़ार में चौदहवीं के चांद में इतनी चमक है ही नहींनूर है जितना मेरे सरकार के रुखसार में दर बदर जन्नत की खातिर क्यों […]

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लाज़िम है

✍🏻सिद्दीक़ी मुहममद ऊवैस जब बातिल का बोलबाला हो,ज़ालिम सब पर हावी हो,न्याय टकों पे बिकता हो,नफ़रत की राजनीति,जगह जगह पर चलती हो,सत्ता धारी अहंकार में डूबे हों,सरकारें झूठ पर चलती हों,हक़ को सिरे से दबाया जाता हो,सच्चाई से मुंह मोड़ा जाता हो?सवालों से कतराया जाता हो,जनता का विश्वास तोड़ा जाता हो,मासूमों को बेकसूरों को…रास्ते से […]

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नात: जहां भी हो वहीं से दो सदा सरकार सुनते हैं

जहां भी हो वहीं से दो सदा सरकार सुनते हैंसरे आइना सुनते हैं पसे दीवार सुनते हैं मेरी हर सांस उनकी आहटों के साथ चलती हैमेरे दिल की धड़कनों की भी वह रफ़्तार सुनते हैं गुनाहगारों दरूदे वालिहाना भेज कर देखोवह अपने उम्मती का नग़म-ए-किरदार सुनते हैं मैं सदक़े जाऊं उनकी रहमतल्लिला़लमीनी केपुकारो चाहे जितनी […]

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इश्क़ ए हक़ीक़ी

✍🏻सिद्दीक़ी मुहममद ऊवैस मैं एक रहस्य उलझा सा,जिसे हल किया है तूनेमैं एक संदेश अधूरा सा,जिसे पूरा किया है तूनेमैं एक साज़ टूटा सा,जिसे जोड़ा है तूनेमैं एक नाम छुपा सा,जिसे ज़ाहिर किया है तूनेमैं एक सवाल हूँ दुश्वार सा,जिसे जवाब दिया है तूनेमैं एक चिराग़ बुझा सा,जिसे रोशन किया है तूनेमैं एक जिस्म बेजान […]