धार्मिक

हमारे जलसों का हाल

मेरे भाईयों ! जलसा कराने के लिए जिन चीज़ों की ज़रूरत होती है अगर उन चीज़ों पर ग़ौर करें तो अंदाज़ा होगा कि उसमें मुख़्तलिफ ख़्यालात के लोग शामिल होते हैं जैसे: (1) नक़ीबे जलसा (एनाउंसर)(2) मुक़र्रिरीन(3) शायर(4) सामेईन (सुनने वाले)(5) स्टेज(6) माइक(7) और सामेईन के बैठने का इंतिजाम ये वो चीज़ें हैं जो जलसे […]

धार्मिक

तुम मौलाना से शादी कर रही हो ?

“रोज़ी! अरे ओ रोज़ी!” आलिया ने ज़ोर से चीखते हुए कहा, “जल्दी करो, देर हो रही है!” जवाब में रोज़ी ने थोड़े धीमे स्वर में कहा, “आ रही हूं, तुम तो हथेली पर सरसों जमाती हो। अभी पंद्रह मिनट बाकी हैं, आराम से स्कूल पहुंच जाएंगे। न जाने तुम्हें हमेशा इतनी जल्दी क्यों रहती है।” […]

धार्मिक

इस्लाम ने क्या दिया ?

इस्लाम ने मानवाधिकार दिया। इस्लाम ने आधी आबादी को बेटी होना पाप जैसे अभिशाप से मुक्ति दिलाई। इस्लाम ने महिलाओं को विरासत में अधिकार दिया। इस्लाम ने सूदखोरी को हराम करार दिया। इस्लाम ने रंग भेद को मिटाया। इस्लाम ने नस्लवाद को मिटाया। इस्लाम ने इंसानों को ग़ुलामी से आज़ाद कराया। इस्लाम ने इंसानों के […]

धार्मिक

मेरी प्यारी बहन !

ईर्तिदाद, यानी इस्लाम धर्म को छोड़ने की कहानी नई नहीं है, बल्कि यह बहुत पुरानी है। जिस प्रकार इस्लाम को स्वीकार करने में निष्ठा, वफादारी, मानवता, और अल्लाह और उसके रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की जानकारी और प्रेम का तत्व कार्य करता है, उसी तरह इस्लाम से मुंह मोड़ने वालों में मोहब्बत, अश्लीलता, धोखाधड़ी, और […]

मसाइल-ए-दीनीया

नमाज़े गौषिया का तरीका

हर माह के 11वे चाँद, मग़रिब की नमाज़ पढ़ने के बाद दो रकात नफ़्ल – नमाज़े गौषिया की निय्यत से पढ़े। दोनों रकात में सुर ए फातेहा के बाद 11-11 मर्तबा सुर ए इखलास (कुल्हू अल्लाह) पढ़े। नमाज़ पढ़ने के बाद अपनी जगह बैठ कर 11 बार दुरूद शरीफ पढ़े, बाद में ये दुआ पढ़े […]

धार्मिक राजनीतिक

हिन्दू बोर्ड के पास 150 लाख एकड़ तो वक़्फ़ बोर्ड के पास मात्र 9.5 लाख एकड़ जमीन… ?

गोदी मीडिया ने या पता नही किसने ये झूठ फैलाया है कि वक़्फ़ के पास रेलवे और डिफेन्स के बाद सबसे ज़्यादा ज़मीन है, जबकि सत्य इसके उलट है l सिर्फ़ तमिल नाडु के हिन्दू बोर्ड के पास 3.5 लाख एकड़ और आंध्र प्रदेश में 4 लाख 65 हज़ार एकड़ जमीन जायदाद है, और वक़्फ़ […]

धार्मिक

वक्फ संशोधन विधेयक, मुस्लिम के लिए एक विचार का क्षण

वक्फ हमेशा से इस्लामी समाज का अभिन्न अंग रहा है। इसकी स्थापना मस्जिदों, मदरसों, कब्रिस्तानों, पुस्तकालयों और अनाथालयों जैसे पवित्र स्थानों और संस्थानों की सुरक्षा और प्रचार के लिए की गई है। हर युग में मुसलमानों ने वक्फ के माध्यम से अपनी धार्मिक, शैक्षणिक और सामाजिक सेवाएं निभाई हैं। लेकिन आज वक्फ की इस व्यवस्था […]

मसाइल-ए-दीनीया

मुहर्रम में सबील लगाना और फातिहा करना कैसा है ?

मुहर्रम में सबील लगाना और फातिहा करना कैसा है ?
मुसलमानों का मुहर्रम शरीफ में पानी या शरबत की सबील लगाना कैसा है ?
इमाम हुसैन और दिगर शोहदाए करबला रज़ियल्लाहु अन्हुम की नियाज व फातिहा के बारे में उलमा-ए-किराम क्या फरमाते हैं?