मसाइल-ए-दीनीया

मुहर्रम में सबील लगाना और फातिहा करना कैसा है ?

मुहर्रम में सबील लगाना और फातिहा करना कैसा है ?
मुसलमानों का मुहर्रम शरीफ में पानी या शरबत की सबील लगाना कैसा है ?
इमाम हुसैन और दिगर शोहदाए करबला रज़ियल्लाहु अन्हुम की नियाज व फातिहा के बारे में उलमा-ए-किराम क्या फरमाते हैं?

धार्मिक

मस्जिद से सर बाहर निकाल कर जवाब दिया

हिकायत: बुजुर्गाने दीन मस्जिद में मुबाह ( या’नी जाइज़ ) दुनियावी बात चीत भी नहीं किया करते थे, हज़रते खुलफ़ बिन अय्यूब रहमतुल्लाह तआला अलैह एक मरतबा मस्जिद में मौजूद थे कि किसी ने उन से कोई बात पूछी तो पहले उन्हों ने अपना सर मस्जिद से बाहर निकाला फिर उस की बात का जवाब […]

धार्मिक

लाखों लोगों का रोजगार कुर्बानी से जुड़ा हुआ है : मुनाजिर हसन

गोरखपुर। जमुनहिया बाग गोरखनाथ निवासी मुनाजिर हसन ने प्रेस विज्ञप्ति के जरिए कहा कि दीन-ए-इस्लाम में कुर्बानी देना वाजिब है। पैगंबर हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम व पैगंबर हज़रत इस्माईल अलैहिस्सलाम की कुर्बानी का कुरआन व हदीस से साबित सच्चा वाकया ईद-उल-अज़हा पर्व की बनुियाद है। ईद-उल-अजहा पर्व शांति व उल्लास के साथ मनाएं। क़ुर्बानी रोजगार का […]

धार्मिक

हज

हज का शुभ अवसर चल रहा है, हज मानवता का सबसे बड़ा वार्षिक सम्मेलन है जिसमें पूरी दुनियाँ से लगभग तीस से चालीस लाख लोग एकत्रित होते है, जो बहुत सी कौमों, नस्लों और भाषाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। पूरे मानव समाज में एकता समानता और भाईचारे का ऐसा उदाहरण कहीं नहीं मिल सकता, सभी […]

धार्मिक

कुर्बानी की ईद

ईदुल अज़हा, ईमानदारी, सच्चाई और बलिदान की एक ऐसी अद्वितीय घटना है जिसका उदाहरण आज तक कोई कौम पेश नहीं कर सकी। इसलिए अल्लाह ने इस सर्वश्रेष्ठ और उच्चतम घटना को क़यामत तक के लिए जारी रख दिया ताकि ईदुल-अजहा की ऐतिहासिक हैसियत पर दृष्टि रखते हुए मोमिन बन्दे अपने अंदर भी वही जज़्बा पैदा […]

मसाइल-ए-दीनीया

गुस्ल करने का आसान तरीक़ा

गुस्ल करने का आसान तरीक़ा (१) गुस्ल परदे की जगह पर करें ताकि किसी की नज़र न पड़ सके। अगर ऐसी जगह मौजूद न हो तो तहबंद या कोई ऐसा कपड़ा पहने हुए गुस्ल करें जिस से नाफ़ से घुटने के नीचे तक ढका होना चाहिए। (औरतें ऐसी खुली जगह पर गुस्ल हरगिज़ न करें)। […]

धार्मिक

यह किले तो कुफ्र की मामूली हवा से रेत के ज़र्रों की तरह बिखर रहे हैं ???

दीन के किले बनाने के नाम पर मुसलमानों के साथ क्या धोखा हुआ है। लेख: मतीन खान आप खुद गौर कीजिए कि आखिर इन बच्चों को दीनी मदारिस में भेज कर क्या फायदा हुआ, अगर यही सब करना होता तो इन बच्चों के मां बाप कान्वेंट स्कूलों में भेजते। अकीदा ए इस्लामी की तरबियत के […]