सामाजिक
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तालमेल तो बिठाना ही होगा……
क़ानूनन रात दस बजे के बाद लाउडस्पीकर बजाना मना है लेकिन जनता और शासन प्रशासन के आपसी तालमेल से देश…
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एक ईरानी लघु फिल्म: जब बाप ने चुराई रोटी….
ग़रीब बाप ने दुकान से रोटी चुराई और लेकर एक तरफ मुड़ गया, दुकानदार जाते जाते उसे रोक लेता है।…
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आज वह रौनक-ए-बाज़ार नज़र आती हैं
एक वक़्त था जब बुर्क़ा या अबाया पर्दा और हया की अलामत कहलाता था !! फ़िर बुर्के ने सफ़र तय…
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पिता का समाज व पुत्रों के नाम पत्र
लखनऊ के एक उच्चवर्गीय बूढ़े पिता ने अपने पुत्रों के नाम एक चिट्ठी लिखकर खुद को गोली मार ली।चिट्टी क्यों…
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सर झुका कर क्यों ?
लेखक: ग़ुलाम मुस्तफ़ा नई़मी, दिल्लीअनुवादक: मुहम्मद तशहीर रज़ा मरकज़ी, शाहजहांपुर इन दिनों हिंदुओं की लगभग हर रैली, जुलूस, यात्रा में…
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जिन्दगी सामने थी और तुम दुनियां मे उलझे रहे
लेखक: जगदीश सिंह, सम्पादक एक दिन शिकायत तुम्हे वक्त से नहीं खुद से होगी! कि जिन्दगी सामने थी और तुम…
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उस्ताद के अदब के फ़वाईद
हुसूले इल्म के बुन्यादी अरकान में से एक अहम रुक्न उस्ताद है , तहसीले इल्म में जिस तरह दर्सगाह व…
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हिन्दू खतरे में या समाज खतरे में
लेखक: अजय असुरराष्ट्रीय जनवादी मोर्चा ये कहां आ गये हम? देश कहां जा रहा है? ये विडियो छत्तीसगढ़ का बताया…
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सेहरी के लिए जगाते हिंदू भाई
लेखक: जावेद शाह खजराना नफरत के सौदागरों को मुंह तोड़ जवाब देता व्यासजी का दिल को छू लेने वाला वीडियो…
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एक सवाल हिंदू समाज के कद्दावर धर्म गुरुओं से
लेखक: समीउल्लाह खान यदि हिंदुवाद अपने दावों के अनुसार अहिंसा और गांधीवाद का धर्म है तो आज के भारतीय हिंदू…
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