10 रमज़ानूल मुबारक यौमे विसाल उम्मुल मोमिनीन ज़ौजए रसूल हज़रत खदिजतुल कुबरा रदियल्लाहो तआ़ला अन्हा
अशरफ रज़ा क़ादरी
खतीबो इमाम मस्जिदें अमीने शरीअ़त
बलौदाबाजार छत्तीसगढ़
किताबे इश्क़ व वफा हैं खदिजतुल कुबरा
निसाबे सब्रो रज़ा हैं खदिजतुल कुबरा
अमीना, पारसा, आला नसब, सलीक़ा शेआ़र
खुदा ही जाने के क्या हैं खदिजतुल कुबरा
हयाओ़ हिल्म की उनसे है रौशनी फैली
चराग़े हिल्मो हया हैं खदिजतुल कुबरा
रसूले पाक की खिदमत में खुद को सौंप दिया
खुदा के दीं पे फिदा हैं खदिजतुल कुबरा
नबी का साथ निभाया है आखरी दम तक
सरापा महरो वफा हैं खदिजतुल कुबरा
नबी की ज़ौजए उला, नबी की महरमे राज़
नबी के ग़म की दवा हैं खदिजतुल कुबरा
खिज़ा रसीदा चमन पर वो झूमकर बरसें
करम की गोया घटा हैं खदिजतुल कुबरा
बयान मैने किया है जो अज़मतें अशरफ
कहीं वो उनसे सिवा हैं खदिजतुल कुबरा