लेखक: जगदीश सिंह, सम्पादक एक दिन शिकायत तुम्हे वक्त से नहीं खुद से होगी! कि जिन्दगी सामने थी और तुम दुनियां मे उलझे रहेे! जीवन चक्र का अनवरत अबाध गति से शनै: शनै: आगे बढ़ते रहना प्रकृति प्रदत्त नियम है! इसमें न कहीं अवरोध है! न बिरोध है!आज के मतलबी संसार में जहां कोई नही […]
सामाजिक
लड़कियां कॉलेज जाती हैं या बॉयफ्रेंड से प्यार करने?
लेख: सिराज अहमद कादरी मिस्बाही,सीतामढ़ी बिहार माता-पिता का अस्तित्व उनके बच्चों के लिए किसी बड़े वरदान से कम नहीं है।जबकि अपने बच्चों के प्रति उनका प्यार, करुणा, दया और प्रार्थना स्वाभाविक स्नेह दिखाती है, माता-पिता का यह कर्तव्य है कि वे अपने बच्चों को अच्छे प्रशिक्षण, अच्छे शिष्टाचार और सौंदर्य साहित्य से लैस करें सबसे […]