सामाजिक

एक औरत की दर्द भरे दास्तां

लेखक: मह़मूद रज़ा क़ादरी, गोरखपुर एक जगह एक प्रोग्राम में मेरा जाना हुआ तो देखा कि एक खातून बड़ी मायूस थी मुसलसल आंखें आंसुओं से तर थी जब प्रोग्राम से फारिग हुए तो मुसाफा के वक्त फूट-फूटकर रोने लगी मैंने तसल्ली देते हुए उन्हें बोलने की हिम्मत दिलाई और पूछा कि मसला क्या है?? रोने […]

कविता लेख

हिसाब

सिद्दीक़ी मुहममद ऊवैस सोचा आज..हिसाब कर दूँ…बीते वक़्त का हिसाब…पिछली यादों का…लम्हों का…बीती बातों का हिसाब…अब तक की…ज़िंदगी का हिसाब…बरसों पहले…साथ छोड़ने वाले…बचपन का हिसाब…फ़िर हर एक पल को…सिरे से याद किया हमने…अब तक क्या पाया…क्या खोया… क्या कमाया…कितना लूटाया…लेकिन मुश्किल था ये सब…बहुत ज़ोर दिया अक़्ल पर…दिमाग खपाया… बावजूद इसके….कुछ याद ना आया…बढ़ती उम्र… […]

गोरखपुर धार्मिक

शब-ए-मेराज आज, होगी इबादत व तिलावत

गोरखपुर। इस्लाम धर्म के मुबारक महीनों में से एक रजब का महीना चल रहा है। इस महीने की 27वीं शब को ‘शब-ए-मेराज’ कहा जाता है। 11 मार्च की रात ‘शब-ए-मेराज’ की रात है। इस रात पैगंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की अल्लाह से मुलाकात हुई थी। अरबी में ‘शब’ का अर्थ रात है अर्थात […]

गलत फहमियो का निवारण

क्या किसी पेड़ या ताक़ पर वली और शहीद रहते हैं?

कुछ लोग कहते हैं कि फुलां ताक़ या दरख़्त (पेड़) पर शहीद या वली रहते हैं और उस दरख़्त या ताक़ के पास जा कर फ़ातिहा दिलाते हैं, हार, फूल, खुश्बू वगैरह डालते हैं, लोबान या अगरबत्ती सुलगाते हैं, और वहां मुरादें मांगते हैं, ये सब ख़िलाफ़े शरअ, जहालत और ग़लत बातें है, जो जहालत […]

सामाजिक

खुदकुशी

कई दिन से फेसबुक पर उस लड़की की वजह से एक ऊधम बरपा है….हर कोई उसे मज़लूम और लाचार साबित करने पर तुला है…हालांकि……. खुदकुशी करने वाला कितना ही मज़लूम और बेबस क्यूं ना हो….. किसी तौर पर क़ाबिले हमदर्दी नहीं हो सकता… क्यूंकि खुदकुशी इस्लाम में हराम है और हराम का इर्तिकाब करने वाले […]

धार्मिक सामाजिक

इस्लाम और महिलाओं के अधिकार

आधुनिक युग के लोग महिलाओं को सम्मान देने, उनको अधिकार देने की बात करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है महिलाओं के अधिकार पर सबसे ज़्यादा रोशनी इस्लाम धर्म ने डाली है। जी हाँ, वो ही इस्लाम धर्म जिसके बारे में झूठ फैलाया जाता है कि इस्लाम धर्म में औरतों के कोई अधिकार नहीं है। […]

धार्मिक

शबे जु़फाफ (सुहागरात) के आदाब‌

 जब दुल्हा, दुल्हन कमरे में जाए और तन्हाई हो तो बेहतर यह है कि सबसे पहले दोनो वुज़ू कर ले! और फिर जानमाज़ या कोई पाक़ कपड़ा बिछा कर दो (2) रकाअ़त नफ्ल, शुक्राना पढ़ें । अगर दुल्हन हैज़ (माहवारी) की हालत में हो तो नमाज़ न पढ़ें। लेकिन दुल्हा ज़रूर पढ़ें। [हदीस :-]…. हज़रत […]

जीवन चरित्र धार्मिक

मेराज ए मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम (1)

लेखक: मह़मूद रज़ा क़ादरी, गोरखपुर मस्जिद ए हराम से मस्जिदे अक्सा तक सैर(सफर) को असरा और वहां से आगे ला मकां तक की सैर( सफर)को मेराज से ताबीर किया गया है कुरान मजीद में पहले हिस्सा का जिक्र सुरह बनी इसरायल में जबकि दूसरे हिस्से का जिक्र सुरह नज्म में है असरा का जिक्र इन […]

धार्मिक

नमाज़े चाश्त का तरीक़ा

नमाज़े चाश्त का वक़्तसूरज निकलने के 20 मिनट बाद से ले कर ज़हवये क़ुबरा यानी ज़वाल से पहले तक है, लेकिन ईद के दिन ईद की नमाज़ के बाद पढ़ना होता है नमाज़े चाश्त में काम से कम 2 रकअत और ज़्यादा से ज़्यादा 12 रकअत हैं और अफ़ज़ल 12 रकअत हैं, अब जो जितनी […]

धार्मिक सामाजिक

इसलाम में आत्महत्या

इसलाम में आत्महत्या करना बिल्कुल मना है और इसे बहुत बड़ा गुनाह (पाप) बताया गया है। फ़रमाया क़ुरान में:हे ईमान वालो! आपस में एक-दूसरे का धन अवैध रूप से न खाओ, परन्तु ये कि लेन-देन तुम्हारी आपस की स्वीकृति से (धर्म विधानुसार) हो और आत्म हत्या न करो, वास्तव में, अल्लाह तुम्हारे लिए अति दयावान् […]