गोरखपुर। इस्लाम धर्म के मुबारक महीनों में से एक रजब का महीना चल रहा है। इस महीने की 27वीं शब को ‘शब-ए-मेराज’ कहा जाता है। 11 मार्च की रात ‘शब-ए-मेराज’ की रात है। इस रात पैगंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की अल्लाह से मुलाकात हुई थी। अरबी में ‘शब’ का अर्थ रात है अर्थात इस रात को पैगंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की अल्लाह से मुलाकात की रात भी कहते हैं। शब-ए-मेराज का इस्लाम धर्म में बहुत महत्व है साथ ही इस रात की बड़ी फज़ीलत है। इस रात इबादत करने का अलग महत्व है। इस रात मुसलमान नफिल नमाज अदा करते हैं। कुरआन-ए-पाक की तिलावत भी करते हैं। बहुत सारे लोग 26 व 27 तारीख का रोजा भी रखते हैं।
शब-ए-मेराज के मुकद्दस मौके पर कई मस्जिदों में शब-ए-मेराज की महफिल सजेगी। सलातुल तस्बीह व अन्य नफिल नमाज अदा की जाएगी। कुरआन-ए-पाक की तिलावत घरों व मस्जिदों में होगी। रातभर अल्लाह व रसूल का जिक्र होगा। दरूदो-सलाम का नज़राना पेश किया जाएगा। मदरसा क़ादरिया तजवीदुल कुरआन निस्वां इमामबाड़ा अलहदादपुर में दोपहर 12 से 2 बजे तक और बाद नमाज एशा नात, मनकबत व तकरीर की महफिल सजेगी। जिसमें केवल महिलाएं शिरकत करेंगी। पूरी रात इबादत व तिलावत होगी। तहरीक दावते इस्लामी इंडिया की ओर से जामा मस्जिद रसूलपुर में 11 मार्च को रात 10 बजे से जलसा होगा। जिसमें उलेमा-ए-किराम मेराज शरीफ की फ़ज़ीलत बयान करेंगे। नमाज़-ए-तस्बीह रात 1 बजे अदा की जाएगी। रोजा रखने वाले लोगों के लिए सहरी का भी इंतजाम रहेगा। वहीं मकतब अल बरकात व बेनीगंज ईदगाह रोड मस्जिद की ओर से ईदगाह बेनीगंज में 12 मार्च को रात 8:30 बजे से अजमते मेराज-ए-मुस्तफा जलसा होगा।