हर माह के 11वे चाँद, मग़रिब की नमाज़ पढ़ने के बाद दो रकात नफ़्ल – नमाज़े गौषिया की निय्यत से पढ़े। दोनों रकात में सुर ए फातेहा के बाद 11-11 मर्तबा सुर ए इखलास (कुल्हू अल्लाह) पढ़े।
नमाज़ पढ़ने के बाद अपनी जगह बैठ कर 11 बार दुरूद शरीफ पढ़े, बाद में ये दुआ पढ़े :
या रसुलल्लाहि या हबीबल्लाहि अगिष्नी व-मदुदनी फि कज़ाए हाज़ति या काज़ियल हाज़ात
फिर खड़े हो कर गुम्बदे खज़रा की तरफ 11 मरतबा एक – एक कदम चलते हुए ये दुआ पढ़े: ( हर कदम पर एक बार )
या गौषस्सकलैन या करिमत्तरफैन अगिष्नी व मदुदनी फि क़ज़ा ए हाज़ति या काज़ियल हाज़ात
फिर अपने लिए और तमाम उम्मते मुस्लिमा के दुआ करें।
मोहम्मद मुस्तकीम निज़ामी
निज़ामी मंजिल, बिशुनपुर मटियरिया (बरही) गोरखपुर उत्तर प्रदेश
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