गोदी मीडिया ने या पता नही किसने ये झूठ फैलाया है कि वक़्फ़ के पास रेलवे और डिफेन्स के बाद सबसे ज़्यादा ज़मीन है, जबकि सत्य इसके उलट है l
सिर्फ़ तमिल नाडु के हिन्दू बोर्ड के पास 3.5 लाख एकड़ और आंध्र प्रदेश में 4 लाख 65 हज़ार एकड़ जमीन जायदाद है, और वक़्फ़ की पूरे भारत मे कुल संपत्ति 9.5 लाख एकड़ है l
कम से कम हर प्रदेश में हिन्दू बोर्ड के पास 5 लाख एकड़ ज़मीन होनी ही चाहिए, जिसमे मंदिर- आश्रम- मठ- अखाड़े -वेद पाठशालाएं-सरस्वती शिशु मंदिर-घाट-व्रद्ध आश्रम-अनाथालय-नारी निकेतन- दरबार- गुफाएं शामिल हैं।
भारत मे 28 राज्य और 8 यूनियन ट्ररीट्री हैं, 5 लाख एकड़ × 28 = 140 लाख एकड़ जमीन तो सिर्फ़ भारत के प्रदेशो में होगी और 8 UT में भी 10 लाख एकड़ ज़मीन को मिला लिया जाए तो हिन्दू बोर्ड के पास कुल सम्पत्ति 150 लाख एकड़ हो जाती है
मेरा ऐसा मानना है कि सरकार की नीयत ठीक नही है, वो मुसलमानों से उनकी धार्मिक ज़मीन छीनने की शुरुआत कर रही है, फिर ये ही काम सिखों- ईसाइयों- बौध्दों- जैनियों के साथ भी होगा, बाकी उसका असली टारगेट तो हिन्दू बोर्ड की ज़मीन ही है और मंदिर मठ का सोना और चढ़ावा है।
सरकार पहले भी मंदिरों के तहखाने खुलवाने की कोशिश कर भी चुकी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने विधानसभा में नुज़ूल बिल पास करवा ही लिया है, जिसकी वजह से करोड़ो हिन्दू ही बेघर हो सकते हैं, इसलिए विधान परिषद ने बिल पास नही किया और उसे कमेटी को भेज दिया गया, क्योंकि BJP के विधायक ही इस बिल के ख़िलाफ़ विधानसभा और विधान परिषद में बोल रहे थे। BJP के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के कहने पर ही ये बिल रुका है।
इस देश मे हिन्दुओ के खिलाफ़ ही कई संविधान विरोधी कानून लाये जा रहे है लेकिन उनका प्रचार प्रसार मुसलमानों को नुकसान पहुँचाने के साथ किया भी जाता है, जिससे नफरती व समर्थक लोग सत्य को जान व समझ न सके l उस असंवैधानिक कानून के ख़िलाफ़ सबसे पहले बोलता भी मुसलमान ही है, बाकी लोग तो जब बोलना शुरू करेंगे, जब उनका नम्बर आएगा।
बेशक हिन्दुओ में कई पंथ है जिसकी वजह से एक तरह का बोर्ड सम्भव नही है, लेकिन बोर्ड तो हर प्रदेश में बना हुआ है, कही राम मंदिर ट्रस्ट है ,तो कही शिव ट्रस्ट है, कही कृष्णा ट्रस्ट है तो तिरूपति-बालाजी तो कही हनुमान ट्रस्ट है l इसी तरह मुस्लिमो के भी शिया वक्फ बोर्ड व सुन्नी वक्फ बोर्ड बने है l सिखों में भी गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी बनी हुईं है l
लगेगी आग तो आएंगे कई घर ज़द में
यहाँ पर सिर्फ़ हमारा मकान थोड़ी है
✍️ वकी रशीद एडवोकेट