धार्मिक

मेरा शौहर कैसा हो?

लेखक: अब्दे मुस्तफ़ा हर लड़की की अपने होने वाले शौहर के बारे में कुछ ना कुछ ख्वाहिशात होती हैं, कुछ सपने होते हैं कि वो कैसा होना चाहिये।पहले लड़कियों की सोच अलग थी लेकिन अब फिल्में देख देख कर, बाज़ारों में घूम घूम कर लड़कियों का दिमाग खराब हो चुका है और उन की पसंद […]

धार्मिक

जीवन और मृत्यु किस के हाथ मे?

अल्लाह ने क़ुरान में फरमाया: जिसने पैदा किया मृत्यु और जीवन को, ताकि तुम्हारी परीक्षा करे कि तुममें कर्म की दृष्टि से कौन सबसे अच्छा है। वह प्रभुत्वशाली, बड़ा क्षमाशील है। – (सूरत अल मुल्क 67:2) मतलब यह दुनिया तो परीक्षा एवं कर्म की जगह है ,और असल जिंदगी तो आख़िरत की है। तो जो […]

धार्मिक

अल्लाह व रसूल का फ़रमान और आज का मुसलमान (क़िस्त 7)

लेखक: अब्दुल्लाह रज़वी क़ादरीमुरादाबाद यू पी, इंडिया दोस्तो आजकल अगर किसी की इस्लाह की जाए तो जवाब मिलता है मियां तुम अपनी करो अपने आप को संभालोऐसा जवाब निहायत ही मज़मूम है और गुनाहों पर बड़ी दिलेरी है| चुनाचे हज़रते अब्दुल्लाह बिन मसऊद रज़िअल्लाहू तआला अन्ह फ़रमाते हैं किअल्लाह तआला के नज़दीक ये एक बड़ा […]

धार्मिक

नमाज़ के फ़राइज़ (जिन के छूट जाने से नमाज़ नहीं होती)

लेखक: मह़मूद रज़ा क़ादरी, गोरखपुर सात चीज़ें नमाज़ में फ़र्ज़ हैं इनमें से एक भी छूट जाये तो नमाज़ होगी ही नहीं लिहाज़ा दोबारा पढ़ी जायेगी। तकबीरे तहरीमा (नीयत बाँधना) क़ियाम क़िरात रुकू सुजूद क़ादा-ए-आख़ीरा (आख़िरी रकअत में बैठना) ख़ुरूज बेसुनऐही (सलाम फेरना) तकबीरे तहरीमा:- नमाज़ शुरू करने के लिए जो तकबीर कहते हैं उसे […]

धार्मिक

लाख गुनहगार है लेकिन मेरे सहाबा का गुस्ताख तो नहीं

लेखक: अब्दे मुस्तफा इमाम अहमद बिन हम्बल रहमहुल्लाह के पड़ोस में एक फासिक़ो फाजिर शख्स रहता था।एक दिन उसने इमाम अहमद बिन हम्बल रहीमहुल्लाह को सलाम किया तो आपने सहीह से जवाब ना दिया और नाखुशी का इज़हार किया। उस शख्स ने कहा : ए अबु अब्दुल्लाह! आप मुझसे नाखुश क्यों हैं? आपको मेरे (गुनाहों […]

धार्मिक

अल्लाह व रसूल का फ़रमान और आज का मुसलमान (क़िस्त 6)

लेखक: अब्दुल्लाह रज़वी क़ादरीमुरादाबाद यू पी, इंडिया प्यारे मुसलमानों बदक़िस्मती से अब वो दौर आ चुका है के फ़र्ज़ वाजिब और सुन्नतों पर अमल करने वालों के लिए ज़मीन तंग होती चली जा रही है, और ख़ासकर नेकी की दावत की सुन्नत को अदा करने वाले की लोग तरह तरह से दिल शिक्नी करते हैं, […]

धार्मिक

कायनात की तख़लीक़ (रचना)

लेखक: मह़मूद रज़ा क़ादरी, गोरखपुर अल्लाह तआला ने बग़ैर किसी ज़ाती ग़र्ज़ के तमाम मख़लूक़ को पैदा किया। ज़मीन और आसमान को पैदा किया । अल्लाह तआला ने चाँद और सूरज को बनाया, इन्सानों के लिए ज़मीन को बिछाया ताकि वो उसके साफ़ और खुले रास्तों पर चल सकें। आसमान को महफूज़ छत बनाया और […]

धार्मिक सामाजिक

इस्लाम मे आत्महत्या

इसलाम में आत्महत्या करना बिल्कुल मना है और इसे बोहत बड़ा गुनाह (पाप) बताया गया है। फ़रमाया क़ुरान मेंहे ईमान वालो! आपस में एक-दूसरे का धन अवैध रूप से न खाओ, परन्तु ये कि लेन-देन तुम्हारी आपस की स्वीकृति से (धर्म विधानुसार) हो और आत्म हत्या न करो, वास्तव में, अल्लाह तुम्हारे लिए अति दयावान् […]

धार्मिक

अल्लाह व रसूल का फ़रमान और आज का मुसलमान (क़िस्त 5)

लेखक: अब्दुल्लाह रज़वी क़ादरीमुरादाबाद यू पी, इंडिया हदीस शरीफ़सरकार ए कायनात हुज़ूर सल्लल्लाहू तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया:अल्लाह तआला ने फ़िरिश्ते को हुक्म दिया के फ़ुलां शहर को ज़ेर व ज़बर (उलट पलट) करदो फ़िरिश्ते ने अर्ज़ की के ऐ रब्बे कायनात फ़ुलां शख़्स जिसने कभी एक लम्हा के लिए भी गुनाह नहीं किया […]

जीवन चरित्र धार्मिक

फर्रुख और रबीआ की आस्था-प्रेरक कहानी

लेखक: ज़फर कबीर नगरीछिबरा, धर्मसिंहवा बाजारजिला संत कबीर नगर उ. प्र. 272154 हज़रत फर्रुख रहमतुल्लाहि अलैहि एक ताबिई हैं, एक बार मस्जिद में नमाज़ अदा करने आए, तो देखा कि मस्जिद के खतीब(वक्ता) लोगों को तुर्किस्तान के लिए जिहाद पर उभार रहे हैं, आप ने उठकर अपना परिचय दिया तथा अपने आप को जिहाद के […]