लेखक: अब्दुल्लाह रज़वी क़ादरी
मुरादाबाद यू पी, इंडिया
प्यारे मुसलमानों बदक़िस्मती से अब वो दौर आ चुका है के फ़र्ज़ वाजिब और सुन्नतों पर अमल करने वालों के लिए ज़मीन तंग होती चली जा रही है, और ख़ासकर नेकी की दावत की सुन्नत को अदा करने वाले की लोग तरह तरह से दिल शिक्नी करते हैं, कभी उसकी आवाज़ का मज़ाक़ उड़ाते हैं तो कभी उसके अंदाज़े गुफ़्तगू पर तन्क़ीद करते हैं, अफ़सोस आज इज़्ज़त तो उसकी है जो लोगों की हां में हां मिलाए और शरीफ़ तो वोही समझा जाता है जो दूसरों को गुनाह करने दिया करता है और उनकी चापालोसी करता फिरता है,
आज कल आप को बेशुमार नेक सूरत ऐसे मिलेंगे जो मालदार फ़ासिक़ों की तअरीफ़ करते नहीं थकते बल्के गुनाहों तक में उनकी हौसला अफ़ज़ाई करते हैं,
ऐसे ख़ुशामद ख़ोर हरगिज़ हरगिज़ ये नहीं चाहते हैं के वो उन लोगों की नाफ़रमानियों पर उन्हें तम्बीह करके उनकी नाराज़गी मोल लें,
हज़रते सय्यिदुना फ़ारूक़े आज़म रज़िअल्लाहू तआला अन्ह ने तो पहले ही ऐसे लोगों के बारे में पेशनगोई फ़रमा दी थी (ख़बर देदी थी)
चुनाचे अब्दुल वहाब शअ्रानी रहमातुल्लाह अलैह फ़रमाते हैं कि:
अमीरुल मोमिनीन हज़रत सय्यिदुना उमर बिन ख़त़्त़ाब रज़िअल्लाहू तआला अन्ह फ़रमाते हैं कि
अनक़रीब लोगों पर एक ऐसा दौर आएगा के उनमें नेक वही समझा जाएगा जो ना तो अम्र बिल मअरूफ़ करे और ना ही किसी को बुराई से रोके, पस लोग कहैंगे, हमने तो इससे नेकी ही नेकी देखी है, क्योंके इसने कभी अल्लाह के लिए ग़ज़ब किया ही ना होगा, और लोग तो उसपर कीचड़ उछालते हैं जो नसीहत की बात करे (तम्बीहुल मुग़्तर्रीन)
प्यारे मुसलमानों ख़्वाह लोग आपको बुरा कहें मगर आप लोगों को नेकी की दावत देना हरगिज़ हरगिज़ ना छोड़ें अगर आप ये चाहते हैं के लोग आपकी इज़्ज़त किया करें तो फिर आप दीन की तबलीग़ नहीं कर सकेंगे क्योंके नेकी की दावत देने वाले की तो मुख़ालिफ़त होती ही रहती है,
चुनाचे हज़रत अल्लामा शअ्रानी रहमातुल्लाह अलैह फ़रमाते हैं के
अगर कोई शख़्स ये बात चाहता है के लोग उससे मुहब्बत करें उसकी तारीफ़ करें और उससे रज़ामंद रहें तो ऐसा शख़्स लोगों को बुराई से नहीं रोक सकेगा और भलाई का हुक्म नहीं दे सकेगा (तम्बीहुल मुग़्तर्रीन)
हज़रते सय्यिदुना कअ्बुल अहबार रज़िअल्लाहू तआला अन्ह ने शैख़ अबू मुस्लिम ख़ौलानी रहमातुल्लाह अलैह से दरयाफ़्त किया के लोगों का रवैया (व्यवहार) तुम्हारे साथ कैसा है
उन्होंने कहा के उनका बरताव मेरे साथ अच्छा है,
तो हज़रते सय्यिदुना कअ्बुल अहबार ने कहा के तौरैत शरीफ़ में मज़कूर है.
जो शख़्स दूसरों को बुराई से रोकेगा वो अपनी क़ौम में ज़लील व ख़्वार होगा,
ये सुनकर शैख़ अबू मुस्लिम ख़ौलानी रहमातुल्लाह अलैह ने कहा के तौरैत शरीफ़ की ये बात सच्ची और दूरुस्त है और मेंने जो कुछ कहा है वो दुरुस्त नहीं है (कीमिया ए सआदत)
हज़रते सय्यिदुना उवैस क़रनी रज़िअल्लाहू तआला अन्ह फ़रमाते हैं के
मोमिन का हक़ पर होना उसके लिए दुनिया में कोई दोस्त नहीं छोड़ता (यानी ज़्यादा तर लोग उसके मुख़ालिफ़ हो जाते हैं) और जब भी कोई शख़्स लोगों को नेक बात की हिदायत करता है और बुराई से रोकता है तो दुनिया दार लोग उसपर बुरी बुरी तोहमतें लगाकर उसकी इज़्ज़त ख़राब करने की कोशिश करते हैं (तम्बीहुल मुग़्तर्रीन)
प्यारे अज़ीज़ दोस्तो दीन की दावत देने पर यानी लोगों इस्लाह करने पर अगरचे लोग आपके मुखालिफ हो जाएं लेकिन आपको यह काम नहीं छोड़ना है क्योंकि यही वह काम है जो अल्लाह व रसूल, अज़्जा व जल्ल व सल्लल्लाहू तआला अलैहि वसल्लम को ख़ुश करता है, तो जिसने अल्लाह व रसूल को राज़ी कर लिया वह दोनों जहां में कामयाब हो गया|