कविता सामाजिक

सब याद रखा जाएगा

वो दिसम्बर कीथरथराती शामों केघटाटोप अंधेरों मेंनिहत्थों पर तुम्हारालाठियाँ बरसानाआँसू गैस के गोलों सेतुम्हारा वो ज़ुल्म ढानाकैम्पसों को वो तुम्हाराछावनी में तब्दील कर देनाफ़िर लाइबेरियों में घुस करतबाही मचानाजैसे हमारे क़लम किताबों सेकोई पुरानी सी दुश्मनी निभानाफ़िर सैंकड़ों बेकसूरों कोझूठे इलज़ामों में फंसा करख़ुद की फ़र्जी देश भक्तिसाबित करनाहक़ बोलने वालों कोज़ोर के बल पे […]

राजनीतिक

नफरती कौन? उवैसी या सेक्युलर नेता!!

लेखक : मुहम्मद ज़ाहिद अ़ली मरकज़ी (कालपी शरीफ)चेयरमैन- तहरीक उ़लमाए बुंदेलखंडसदस्य- रोशन मुस्तक़बिल दिल्लीअनुवादक : मुहम्मद तशहीर रज़ा मरकज़ी, शाहजहांपुर भारतीय राजनीति में दो प्रकार के नेता होते हैं: एक नफरत करने वाले, एक प्रेम करने वाले, आमतौर पर सेक्युलर पार्टियों और उनके नेताओं को प्रेमी दल माना जाता है, जबकि नफरती समूह भाजपा या […]

दस्तावेज़

क्वारन्टीन का आइडिया और पहला इस्लामी अस्पताल

पहला इस्लामी अस्पताल 707-708 ईस्वी में दमिश्क़ में छटे उमूवी खलीफा वलीद बिन अब्दुल मलिक ने बनवाया था और इसी अस्पताल में पहली बार मरीज़ों को क्वारन्टीन किया गया. मेडिकल क्लिनिक हालाँकि नबी करीम सलल्लाहु अलैहि व सल्लम दौर में भी थे. मस्जिद ए नबवी के आँगन में छोटा सा क्लिनिक था. लेकिन यहां इलाज […]

राजनीतिक

जाट लैंड की राजनीतिक डगर और मुसलमान

लेखक : मुहम्मद ज़ाहिद अ़ली मरकज़ी (कालपी शरीफ)चेयरमैन तहरीक उ़लमाए बुंदेलखंडसदस्य रोशन मुस्तक़बिल, दिल्लीअनुवादक : मुहम्मद तशहीर रज़ा मरकज़ी, शाहजहांपुर उत्तर प्रदेश में इस समय राजनीतिक तापमान पूरे चरम पर है और हर तरह की खिचड़ी पकने के लिए हाण्डियां चढ़ चुकी हैं, यह खिचड़ी सियासी खिचड़ी है जिसमें हर कोई मुसलमानों को तेजपत्ता की […]

राजनीतिक

अखिलेश,ओवेसी से गठबंधन क्यूँ करें?

लेख: गुलाम मुस्तफा नईमीरौशन मुस्तकबिल, दिल्ली अखिलेश यादव ने असदउद्दीन ओवेसी के साथ राजनितिक गठबंधन से साफ मना कर दिया है। मुसलमानों में इस को लेकर नाराजगी है कि जब सपा सुप्रीमो तथाकथित सेकुलर पार्टियों से गठबंधन करने पर अमादा हैं तो फिर ओवेसी की पार्टी से गठबंधन करने से क्यों कतरा रहे हैं आखिर […]

सामाजिक

दहेज़ एक लानत

लेखक: अहमद हसन स’अदी,अल बरकात कॉलेज अलीगढ़ दहेज आजकल (मौजूदा) जमाने में बुरा समझे जाने वाली चीजों में से एक बहुत ही घटिया चीज है। जिसने ना जाने कितनी लड़कियों की जिंदगी को उजाड़ कर रख दी है। जिसकी वजह से आए दिन बच्चियों की खुदकुशी की खबरें आ रहे हैं। और बहुत सी बच्चियां […]

राजनीतिक सामाजिक

तेल का खेल

अंतरराष्ट्रीय बाजार में जिस दिन कच्चे तेल की कीमत में कमी दर्ज होती है, उस दिन भारतीय कंपनियां तेल का दाम घटाती नहीं, सर्फ बढ़ोतरी रोक देती हैं। मीडिया इसे “बड़ी राहत” लिखता है। पिछले 28 दिनों में ही पेट्रोल 8.85 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है। इस तरह डीजल बीते 30 दिनों में […]

सामाजिक

गुजरात/त्रिपुरा जैसे ज़ुल्म व सितम मुसलमानों पर होते ही रहेंगे

लेख: मौलाना मोहम्मद सैफुल्लाह ख़ां अस्दक़ीराष्ट्रीय अध्यक्ष: ग़ौसे आज़म फाउंडेशन मुसलमानों ने सरकार से सवाल करना और अपना हक़ मांगना छोड़ दिया तो सरकार ने इन्हें कहीं का भी नहीं छोड़ा। आज हाय तौबा मचा रहे हैं। मुसलमानों ने सिर्फ सरकार से ही अपना हक़ मांगना नहीं छोड़ा बल्कि क़ौम के तथाकथित ठेकेदारों से भी […]

संपादकीय सामाजिक

… और तू कहता है दिवाली मनाऊं तेरे संग ?

आसाम में मेरे भाई की मुर्दा लाश को पैरों तले रौदा गया, यूपी में चूड़ी बेचने वाले मेरे भाई को आईडी चेक करके मारा गया, त्रिपुरा में मेरी धार्मिक स्थलों और पूजा पाठ के लिए बनाए गए मस्जिदों में तोड़फोड़ की गई, मेरे धार्मिक ग्रंथ पवित्र कुरआन को जलाया गया, मेरे भाइयों की दुकानें लूटी […]

सामाजिक

महंगे तेल ने फेरा कुम्हारों की उम्मीदों पर पानी

सोशल मीडिया पर की गई अपीलों और दीपक बनाने वाले गरीब कुम्हारों के प्रति संवेदनशीलता का भाव होते हुए भी दीपावली पर मिट्टी के दीपकों की बिक्री वैसी होती नही दिखी जैसी होती थी।कारण साफ है कि दीपकों में दीप प्रज्ज्वलन के लिए पड़ने वाला सरसों यानी कडुये तेल का भाव आसमान छू रहा है। […]