गोरखपुर

जिक्र-ए-शोहदा-ए-कर्बला का जमुनहिया बाग में हुआ आयोजन

  • जब तक अली के दिलो में बसाया न जाएगा, खुलदेबली की राह को पाया न जाएगा।

डॉ. शकील अहमद

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।

आला हजरत मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी द्वारा संचालित मदरसा आर्फिया नूरिया अहले सुन्नत के परिसर जमुनाहिया बाग निकट ट्रांसफॉर्म गोरखनाथ में प्रशासन की अनुमति लेकर जिक्रे शोहदय करबला की याद में कुरान ए पाक की तिलावत वा नात ए नबी से हुई ।
तिलावत की सदारत मौलाना अल्ताफ निजामी वा अजीम अहमद नूरी वा मौलाना अमीरुद्दीन अख्तर ,मौलाना हारून मिस्बाही ,मौलाना वसीम अजीजी जी महाराजगंज ,मौलाना इकबाल फैजी कुशीनगर ,मौलाना करीमुल्लाह ने कहा की करबला के मैदान जबरदस्त मुकाबला हक वादा तिल के बीच हुआ तीर और समशीर में 72 जख्म खाने के बाद इमाम हुसैन में गिरे और अल्लाह शुक्र अदा करते हुए शहीद हो गए हजरत इमाम हुसैन वा उनके जां निसार साथियों ने करबला के मैदान में अजीम कुर्बानी दे कर दीन ए को बचा लिया , न अपनी आन की खातिर न अपनी जान की खातिर न अपनी न शान की खातिर वह मैदान में निकल आए फकत इमाम की खातिर ।
नेजे पर बढ़ कर कह रहा था फातिमा का लाल ये शेरे अली शेर है झुकाया न जाएगा
कर्बला का जिक्र सुनकर सभी अकीदमंदो की आंख भर आई अंत में सलाम पढ़कर हजरत सैय्यद इमाम हुसैन के नक्शे कदम पर चलते एवं मुल्क में शांति अमन की दुआ मांगी गई अकीदमंदो चना पानी पेप्सी शीरनी बांटी गई ज़िक्र शोहदा कॉन्फ्रेंस में सोसाइटी के पदाधिकारी गण वा मोहल्ले के तमामी हजरत जिसमे मुख्य रूप से शामिल रहे उत्तर प्रदेश हज कमेटी के सदस्य मो.इफ्तेखार हुसैन ,अजमेर आलम ,शफायत खान , कबीर अली , मो.मुस्तकीम ,डॉ शकील अहमद ,असगर अली ,राजू खान ,महफूज अहमद, मो.आफाक,फिरोज अहमद ,नौशाद अहमद ,साजिद अली, सदरे आलम,शाहब भाई,करीम भाई,संजर भाई आदि का विशेष योगदान रहा।

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