धार्मिक

अल्लाह व रसूल का फ़रमान और आज का मुसलमान (क़िस्त 5)

लेखक: अब्दुल्लाह रज़वी क़ादरीमुरादाबाद यू पी, इंडिया हदीस शरीफ़सरकार ए कायनात हुज़ूर सल्लल्लाहू तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया:अल्लाह तआला ने फ़िरिश्ते को हुक्म दिया के फ़ुलां शहर को ज़ेर व ज़बर (उलट पलट) करदो फ़िरिश्ते ने अर्ज़ की के ऐ रब्बे कायनात फ़ुलां शख़्स जिसने कभी एक लम्हा के लिए भी गुनाह नहीं किया […]

धार्मिक

अल्लाह व रसूल का फ़रमान और आज का मुसलमान (क़िस्त 4)

लेखक: अब्दुल्लाह रज़वी क़ादरीमुरादाबाद यू पी, इंडिया हदीस शरीफ़हज़रत सय्यिदुना अबू दरदा रज़िअल्लाहू तआला अन्ह से मरवी है उन्होंने इरशाद फ़रमाया: नेकी का हुक्म देते रहना और बुराई से रोकते रहना, नहीं तो अल्लाह तआला तुम पर ऐसा हाकिम मुसल्लत कर देगा जो तुम्हारे बुज़ुर्गों का एहतराम नहीं करेगा, तुम्हारे बच्चों पर रहम नहीं करेगा […]

धार्मिक

अल्लाह व रसूल का फ़रमान और आज का मुसलमान (क़िस्त 3)

लेखक: अब्दुल्लाह रज़वी क़ादरीमुरादाबाद यू पी, इंडिया हदीस शरीफ़हुज़ूर सय्यदे आलम सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया: चन्द मख़्सूस लोगों के अमल की वजह से अल्लाह तआला सब लोगों को अज़ाब नहीं करेगा, मगर जबके वहां बुरी बात की जाए और लोग मना करने पर क़ादिर हों और मना ना करें तो अब आम […]

धार्मिक

अल्लाह व रसूल का फ़रमान और आज का मुसलमान (क़िस्त 2)

लेखक: अब्दुल्लाह रज़वी क़ादरीमुरादाबाद यू पी, इंडिया हदीस शरीफ़ हुज़ूर सय्यदे आलम सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम ने फ़रमाया: जिस क़ौम में गुनाह होते हों और नेक लोग रोकने पर क़ादिर हों फिर भी ना रोकें तो क़रीब है के अल्लाह तआला सब पर अज़ाब भेजे (अबू दाऊद) हदीस शरीफ़ हज़रते सय्यिदुना मालिक बिन दीनार फ़रमाते […]

धार्मिक

अल्लाह व रसूल का फ़रमान और आज का मुसलमान! (क़िस्त 01)

लेखक: अब्दुल्लाह रज़वी क़ादरीमुरादाबाद यू पी, इंडिया मनक़ूल है क़ियामत के रोज़ मर्द अल्लाह तआला की जनाब में खड़ा किया जाएगा उसकी बीवी और औलाद अल्लाह अज़्ज़ व जल्ल की जनाब में शिकायत करते हुए अर्ज़ करेंगेऐ हमारे रब इस मर्द को हमारे हक़ के बारे में मुवाख़िज़ा (पूछ गछ) कर,कयोंके इसने हमें हमारे दीन […]

शिक्षा

मुसलमान हो कर इल्म से दुरी

लेखक:साबिर इसमाइली कादरीअनुवादक:मुशताक अहमद बरकाती अनवारी, पोकरण जिस तरह दुसरी बातों में दीने इसलाम को ऐक अलग मकाम हासिल इसी तरह इलम हासिल करने के बाब में भी इसलाम का नाम सबसे पहले आता है, इसलाम की आमद से पहले इलम हासिल करने पर कोई खास तवज्जोह नहीं दी जाती थी, दुनिया में इस्लाम का […]

धार्मिक

मुसलमानों की ज़िल्लत अपने दीन से गफलत में है न कि मुफलिसी में

लेखक: मुशताक अहमद बरकाती अनवारी खिलजीअल मोईन वेल्फेयर सोसायटी,पोकरण7742082056 आज जब दुनियावी हालात पर नज़र डालें तो मुसलमान ज़िल्लत व पसपाई का शिकार है हर तरफ उस पर जुलमो सितम किया जा रहा है, उस को सताया जा रहा है उस को मारा जा रहा है ऐसे हालात को देख कर लोगों को लगता है […]

धार्मिक

मुसलमानों में बुज़दिली कयों?

लेखक :मौलाना साबिर इसमाईलीअनुवादक :मुशताक अहमद बरकाती अनवारी सवाल है कि मुसलमानों में बुजदिली क्यों है?इसका जवाब अगर मुखतसर अल्फाज़ में दिया जाए तो यही है कि मुसलमानों के अंदर शौके शहादत और राहे खुदा में कुर्बान होने का जज्बा इस कदर खत्म हो चुका है , कि जिंदगी बचाने और ज्यादा जीने की तमन्ना […]