धार्मिक

मुसलमानों की ज़िल्लत अपने दीन से गफलत में है न कि मुफलिसी में

लेखक: मुशताक अहमद बरकाती अनवारी खिलजी
अल मोईन वेल्फेयर सोसायटी,पोकरण
7742082056

आज जब दुनियावी हालात पर नज़र डालें तो मुसलमान ज़िल्लत व पसपाई का शिकार है हर तरफ उस पर जुलमो सितम किया जा रहा है, उस को सताया जा रहा है उस को मारा जा रहा है ऐसे हालात को देख कर लोगों को लगता है मुसलमान इस वजह से तनज़ुली का शिकार है कि मुसलमानों के पास दुनियावी तालीम नहीं मुसलमान कारोबार के ऐतबार से पिछड़ा हुवा है, मुसलमान गरिब है मुफलिस है,
हर कोई अपने हिसाब से मुसलमानों की कमज़ोरी गिना रहा है
तो जो यह लोग कह रहे हैं कि मुसलमानों के पास दुनियावी तालीम नहीं है मुसलमान इस वजह से वोह दर बदर भटक रहें हैं, यह गलत है ऐसा नही है। मुसलमानों में बहुत सारे ऐजयुकेटेड हैं मालदार हैं फिर भी मुसलमान मजलुम है, इसका ऐक ही कारण है कि मुसलमान दुनियावी तालीम याफता तो है लेकिन दीन से गाफिल है मुसलमान मालदार तो है लेकिन दीन से गाफिल है मुसलमान बिजनेस मैन तो है लेकिन दीन से गाफिल है
आज हर मुसलमान दुनियावी तरक्की को ही सब कुछ समझते हैं और दीन से कोसों दुर हैं,दीन से बे रगबती का शिकार है, दीन से अंजान है।इसी दीन से गफलत कि वजह से मुसलमान ज़लील हो रहा है,मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है मुसलमानों को बदनाम किया जा रहा है,
अगर दीन पर चलने वाले होते दीन का इलम रखते और हर काम में दुनिया नहीं बल्कि दीन आगे रखते तो आज यह हालात नहीं होते ।

आओ दीन से अपनी गफलत दुर करें अपने आप को दीन के करीब करें दीन के अच्छे जानकारों (उलमाओं)की सोहबत इखतियार करें अपने औलाद को दीन की तरफ रागिब करें उनको इसलामी अखलाक से आरासता करें । अपने दीन से मोहब्बत हर चीज़ से ज़्यादा अपने दिलों में पैदा करें अपने आप को सच्चा मुसलमान आका का गुलाम बना कर लोगों के सामने पेश करें।अगर इस तरह हम दीन के करीब हो जाऐंगे किसी कि हिम्मत ही नहीं है हमारी तरफ आंख उठा कर देखे।

अल्लाह पाक हम सब को सबको दीने इसलाम से मोहब्बत करने की तौफीक अता फरमाए और हमारी दीन से गफलत को दुर फरमाए। आमिन

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