कविता

ग़ज़ल

तेरी नेकी कभी मेरे मोहसिन भूल जाने के काबिल नही हैकाम ऐसा नही कोई जिसमे तेरा एहसान शामिल नही है भूल बैठा है तू मुझ को लेकिन सच यही है अभी तक मेरा दिलयाद करता है तुझको हमेशा एक लम्हा भी गाफिल नही है हम न जाने कहां जा रहे है चलते चलते मगर थक […]

कविता

मोहब्ब-ए-वतन: हमारी जान है भारत

ज़की तारिक़ बाराबंकवीसआदतगंज, बाराबंकी, यूपीमोबाइल नम्बर:7007368108 तमन्ना, आरज़ू, हसरत, तलब, अरमान है भारतहमारा दिल भी है भारत हमारी जान है भारत तेरी अज़मत पे हर बासी तेरा क़ुर्बान है भारततेरी ये आन है भारत तेरी ये शान है भारत ये बस यूँही नहीं है तुझ में इतनी ख़ूबियाँ ही हैंजो हम सब की ज़बानों पर […]

कविता

सफ़र!

—सिद्दीक़ी मुहम्मद उवैस अपनों से दूर कहीं सफ़रकभी ग़ैरों के पास सफ़रतो तन्हा किसी राह सफ़रकहीं लोगों के झुंड के साथ सफ़रफ़िर कहीं आराम की तलाश में सफ़रतो कभी आराम छोड़कर सफ़रकुछ पाने की चाह में सफ़रबहुत कुछ खो जाने के बाद में सफ़रकभी जिस्मों को थकाने वाले सफ़रकभी हौसलों को बढ़ानेवाले सफ़रकभी अंजाने से […]

कविता

ग़ज़ल: उस ने जब मेरी तरफ़ प्यार से फेंका पानी

ज़की तारिक़ बाराबंकवीसआदतगंज,बाराबंकी, यूपी छूते ही जिस्म को बन बैठा शरारा पानीउस ने जब मेरी तरफ़ प्यार से फेंका पानी एक मुद्दत से वो, जो सूख चला था पानीग़म तेरा सुन के मेरी आँख से निकला पानी ढालता जाता है ज़ौ रेज़ से मोती जानाँक़तरा क़तरा तेरे बालों से टपकता पानी पूछो मत लाया है […]

कविता

ऐ नए साल बता, तुझमें नयापन क्या है

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ ऐ नए साल बता, तुझमें नयापन क्या हैहर तरफ़ ख़ल्क़ ने क्यूँ शोर मचा रक्खा है! रौशनी दिन की वही, तारों भरी रात वहीआज हमको नज़र आती है हर इक बात वही! आसमाँ बदला है, अफ़सोस, ना बदली है ज़मींएक हिंदसे का बदलना कोई जिद्दत तो नहीं! अगले बरसों की तरह होंगे […]

कविता सामाजिक

सब याद रखा जाएगा

वो दिसम्बर कीथरथराती शामों केघटाटोप अंधेरों मेंनिहत्थों पर तुम्हारालाठियाँ बरसानाआँसू गैस के गोलों सेतुम्हारा वो ज़ुल्म ढानाकैम्पसों को वो तुम्हाराछावनी में तब्दील कर देनाफ़िर लाइबेरियों में घुस करतबाही मचानाजैसे हमारे क़लम किताबों सेकोई पुरानी सी दुश्मनी निभानाफ़िर सैंकड़ों बेकसूरों कोझूठे इलज़ामों में फंसा करख़ुद की फ़र्जी देश भक्तिसाबित करनाहक़ बोलने वालों कोज़ोर के बल पे […]

कविता

हाजिओ आओ शहंशाह का रोज़ा देखो!

आशिक़ाने रसूल के लिए एक आशिक़े रसूल का कलाम तशरीह के साथ पेश किया जाता है, पढ़ें, झुमें और शेयर करें बिरादराने मिल्लत! इस नात शरीफ़ में आला ह़ज़रत रहमतुल्लाह अलैहि ने बहुत ख़ूबसूरत और दिलनशीं अंदाज़ में उन लोगों के उस बातिल नज़रिया का रद्द किया है, जो कहते हैं कि “हज कर आओ, […]

कविता

मुहब्बतों को नफरतों मे बदल दिया तुमने

मुहब्बतों को नफरतों मे बदल दिया तुमनेफिर इंसानियत का चेहरा कुचल दिया तुमने हिंदू को मुसलमान से जब जब लड़ाना चाहाहोशियारी से दांव धर्म का चल दिया तुमने जब भी आईना बन जाने को हुआ ये दिलहर बार कोई रंग हिंदुत्व का मल दिया तुमने तेरी इक नश्ल की खातिर इतनी नफरते है कीबाकियों में […]

कविता

दीवाली गीत

रौशनी बन के छाई दीवालीमेरे घर मुस्कुराई दीवाली आओ इस को दिलों में भर लें हमजो उजाला है लाई दीवाली हिज्र में यादों के दिये रख करअब के मैं ने जगाई दीवाली ज़ुल्म की तीरगी से गुज़रे हैंतब कहीं हम ने पाई दीवाली कट गया मरहबा मेरा बनबासआज मैं ने मनाई दीवाली पैरहन उस का […]

कविता

नात ए पाक: उनकी महक ने……

उनकी महक ने दिल के गु़न्चे खिला दिये हैंजिस राह चल गए हैं कूचे बसा दिये हैं जब आ गई हैं जोशे रह़मत पे उनकी आंखेंजलते बुझा दिये हैं रोते हंसा दिये हैं एक दिल हमारा क्या है आज़ार इसका कितनातुम ने तो चलते फिरते मुरदे जिला दिये हैं उनके निसार कोई कैसे ही रंज […]