तेरी नेकी कभी मेरे मोहसिन भूल जाने के काबिल नही हैकाम ऐसा नही कोई जिसमे तेरा एहसान शामिल नही है भूल बैठा है तू मुझ को लेकिन सच यही है अभी तक मेरा दिलयाद करता है तुझको हमेशा एक लम्हा भी गाफिल नही है हम न जाने कहां जा रहे है चलते चलते मगर थक […]
कविता
सफ़र!
—सिद्दीक़ी मुहम्मद उवैस अपनों से दूर कहीं सफ़रकभी ग़ैरों के पास सफ़रतो तन्हा किसी राह सफ़रकहीं लोगों के झुंड के साथ सफ़रफ़िर कहीं आराम की तलाश में सफ़रतो कभी आराम छोड़कर सफ़रकुछ पाने की चाह में सफ़रबहुत कुछ खो जाने के बाद में सफ़रकभी जिस्मों को थकाने वाले सफ़रकभी हौसलों को बढ़ानेवाले सफ़रकभी अंजाने से […]
सब याद रखा जाएगा
वो दिसम्बर कीथरथराती शामों केघटाटोप अंधेरों मेंनिहत्थों पर तुम्हारालाठियाँ बरसानाआँसू गैस के गोलों सेतुम्हारा वो ज़ुल्म ढानाकैम्पसों को वो तुम्हाराछावनी में तब्दील कर देनाफ़िर लाइबेरियों में घुस करतबाही मचानाजैसे हमारे क़लम किताबों सेकोई पुरानी सी दुश्मनी निभानाफ़िर सैंकड़ों बेकसूरों कोझूठे इलज़ामों में फंसा करख़ुद की फ़र्जी देश भक्तिसाबित करनाहक़ बोलने वालों कोज़ोर के बल पे […]
