गोरखपुर

गोरखपुर: लंगर-ए-हुसैनी बांटने का सिलसिला जारी

गोरखपुर। सोमवार को अली बहादुर शाह नौज़वान कमेटी की ओर से सुन्नी बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर पर दूसरी बार अकीदतमंदों में लंगर-ए-हुसैनी बांटा गया।

मस्जिद के इमाम मौलाना अली अहमद ने फातिहा ख़्वानी के बाद कहा कि हज़रत इमाम हुसैन का किरदार यह था कि जब मक्का से कूफ़े के सफर के वक़्त दुश्मन ने उन्हें घेरा तो उन्होंने देखा कि दुश्मन के फौजी इतने प्यासे हैं कि जंग करने के क़ाबिल भी नहीं हैं। ऐसे में हज़रत इमाम हुसैन चाहते तो हमला कर देते, लेकिन कमजोर पर हमला करना दीन-ए-इस्लाम नहीं है इसलिए इमाम हुसैन ने दुश्मन के फौजियों को पानी पिलाया और यहां तक कि उनके प्यासे घोड़ों को भी पानी पिलाया। उन्हीं हज़रत इमाम हुसैन को कर्बला में तीन दिन का प्यासा शहीद किया गया। यहां तक की इमाम हुसैन के 6 महीने के बच्चे हज़रत अली असगर को भी पानी ना दिया और प्यासा तीरों से शहीद कर दिया।

लंगर-ए-हुसैनी बांटने में अली गज़नफर शाह अज़हरी, आसिफ कुरैशी ‘बब्लू’, मो. ज़ैद, मो. फैज़, मो. आसिफ, मो. अरशद, मो. तैयब, तौसीफ खान, मोहम्मद लवी, अली कुरैशी, मो. रफीज़, सैयद मारूफ ने महती भूमिका निभाई।

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