बेशक अल्लाह हर दिशा में हर और पूरब पश्चिम सब अल्लाह ही का है तो तुम जिधर मुंह करो उधर वज्हुल्लाह (ख़ुदा की रहमत तुम्हारी तरफ़ मुतवज्जेह) है बेशक अल्लाह वुसअत (विस्तार) वाला इल्म वाला है. क़ुरान 2:115 लेकिन अल्लाह ने अपने बन्दों पर करम और आसानी करते हुए उनके लिए एक क़िबला (direction) मुकर्रर […]
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अल्लाह व रसूल का फ़रमान और आज का मुसलमान (क़िस्त 4)
लेखक: अब्दुल्लाह रज़वी क़ादरीमुरादाबाद यू पी, इंडिया हदीस शरीफ़हज़रत सय्यिदुना अबू दरदा रज़िअल्लाहू तआला अन्ह से मरवी है उन्होंने इरशाद फ़रमाया: नेकी का हुक्म देते रहना और बुराई से रोकते रहना, नहीं तो अल्लाह तआला तुम पर ऐसा हाकिम मुसल्लत कर देगा जो तुम्हारे बुज़ुर्गों का एहतराम नहीं करेगा, तुम्हारे बच्चों पर रहम नहीं करेगा […]
अल्लाह व रसूल का फ़रमान और आज का मुसलमान (क़िस्त 2)
लेखक: अब्दुल्लाह रज़वी क़ादरीमुरादाबाद यू पी, इंडिया हदीस शरीफ़ हुज़ूर सय्यदे आलम सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम ने फ़रमाया: जिस क़ौम में गुनाह होते हों और नेक लोग रोकने पर क़ादिर हों फिर भी ना रोकें तो क़रीब है के अल्लाह तआला सब पर अज़ाब भेजे (अबू दाऊद) हदीस शरीफ़ हज़रते सय्यिदुना मालिक बिन दीनार फ़रमाते […]
अल्लाह व रसूल का फ़रमान और आज का मुसलमान! (क़िस्त 01)
लेखक: अब्दुल्लाह रज़वी क़ादरीमुरादाबाद यू पी, इंडिया मनक़ूल है क़ियामत के रोज़ मर्द अल्लाह तआला की जनाब में खड़ा किया जाएगा उसकी बीवी और औलाद अल्लाह अज़्ज़ व जल्ल की जनाब में शिकायत करते हुए अर्ज़ करेंगेऐ हमारे रब इस मर्द को हमारे हक़ के बारे में मुवाख़िज़ा (पूछ गछ) कर,कयोंके इसने हमें हमारे दीन […]