कविता

ग़ज़ल: किस की पुर कैफ़ सी याद आती रही

ज़की तारिक़ बाराबंकवीसआदतगंज, बाराबंकी यारो क्यूँ बेख़ुदी मुझ पे छाती रहीकिस की पुर कैफ़ सी याद आती रही पास आई तो थी ज़िन्दगी सिर्फ़ अश्कदूर जब तक रही मुस्कुराती रही चल पड़ी बे वफ़ाई की इक आँधी ओरप्यार के दीपकों को बुझाती रही नाली का कीड़ा नाली में ही बस जियामख़मली फ़र्श मौत उस पे […]

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मनकबत: हमें तुमने अपना लिया आ़ला ह़ज़रत

है क़ल्बो जिगर की सदा आ़ला ह़ज़रतहो तुम आ़शि़के़ मुस्त़फा़ आ़ला ह़ज़रत यही है मेरी इल्तिजा आ़ला ह़ज़रतकरो जामे उल्फ़त आ़ता आ़ला ह़ज़रत बना कर यह दिल आईना आ़ला ह़ज़रतहमें तुम ने अपना लिया आ़ला ह़ज़रत मैं नजदी के झांसे में आऊं ना हर गिज़मुझे राहे ह़क़ पर चला आ़ला ह़ज़रत उसे खौ़फ़ कुछ भी […]

कविता लेख

हिसाब

सिद्दीक़ी मुहममद ऊवैस सोचा आज..हिसाब कर दूँ…बीते वक़्त का हिसाब…पिछली यादों का…लम्हों का…बीती बातों का हिसाब…अब तक की…ज़िंदगी का हिसाब…बरसों पहले…साथ छोड़ने वाले…बचपन का हिसाब…फ़िर हर एक पल को…सिरे से याद किया हमने…अब तक क्या पाया…क्या खोया… क्या कमाया…कितना लूटाया…लेकिन मुश्किल था ये सब…बहुत ज़ोर दिया अक़्ल पर…दिमाग खपाया… बावजूद इसके….कुछ याद ना आया…बढ़ती उम्र… […]

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नात: ऐ मेरे यार तू क्या मुस्तफ़ा शनास नहीं

ज़की तारिक़ बाराबंकवीसआदतगंज, बाराबंकी,उत्तर प्रदेशफ़ोन:7007368108 ये तेरे लहजे में क्यूँ उनसुरे-सिपास नहींऐ मेरे यार तू क्या मुस्तफ़ा शनास नहीं मदीने जाने के असबाब सिर्फ़ बन जाएंनहीं है ग़म कोई दौलत जो अपने पास नहीं मुझे दिलाएँ गे फ़िरदौसे-नाज़ आक़ा मेरेमेरा यक़ीन है ये दोस्तो क़ियास नहीं ब फ़ैज़े-आक़ा ऐ महशर मुझे तेरा हाँ तेराकोई भी […]

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नात: मेरे मुस्तफा पर जो दिल से फिदा है

मोहम्मद सद्दाम हुसैन अहमद कादरी बरकाती फैजीसदार शोबाऐ इफ्ता मीरानी दारुल इफ्ता खंभात शरीफ गुजरात इंडिया बड़ा उसका रुतबा खुदा ने किया हैमेरे मुस्तफा पर जो दिल से फिदा है कर्म उस पे होगा खुदा का यकीननजो पढता दरूदों को सुबहो मसा है अमल सुन्नते मुस्तफा पर करे जोउसे बख्श देगा खुदा ने कहा है […]

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किसानों का साथ दो

फ़रीदी सिद्दीकी़ मिस्बाही जफा़ कशी में किसानों का रंग है बे जोङज़मीं के सीने से फ़सले अनाज खींचते हैं ये जब भी उठते हैं जा़लिम से अपना हक़ लेनेबङी दिलेरी से शाहों का राज खींचते हैं ऐ हुकमरानो! संभल जाओ मानो इन की बातये जि़द पे आऐं तो फिर तख्तो ताज खींचते हैं ज़माना इन […]