ज़की तारिक़ बाराबंकवीसआदतगंज, बाराबंकी यारो क्यूँ बेख़ुदी मुझ पे छाती रहीकिस की पुर कैफ़ सी याद आती रही पास आई तो थी ज़िन्दगी सिर्फ़ अश्कदूर जब तक रही मुस्कुराती रही चल पड़ी बे वफ़ाई की इक आँधी ओरप्यार के दीपकों को बुझाती रही नाली का कीड़ा नाली में ही बस जियामख़मली फ़र्श मौत उस पे […]
कविता
हिसाब
सिद्दीक़ी मुहममद ऊवैस सोचा आज..हिसाब कर दूँ…बीते वक़्त का हिसाब…पिछली यादों का…लम्हों का…बीती बातों का हिसाब…अब तक की…ज़िंदगी का हिसाब…बरसों पहले…साथ छोड़ने वाले…बचपन का हिसाब…फ़िर हर एक पल को…सिरे से याद किया हमने…अब तक क्या पाया…क्या खोया… क्या कमाया…कितना लूटाया…लेकिन मुश्किल था ये सब…बहुत ज़ोर दिया अक़्ल पर…दिमाग खपाया… बावजूद इसके….कुछ याद ना आया…बढ़ती उम्र… […]
नात: ऐ मेरे यार तू क्या मुस्तफ़ा शनास नहीं
ज़की तारिक़ बाराबंकवीसआदतगंज, बाराबंकी,उत्तर प्रदेशफ़ोन:7007368108 ये तेरे लहजे में क्यूँ उनसुरे-सिपास नहींऐ मेरे यार तू क्या मुस्तफ़ा शनास नहीं मदीने जाने के असबाब सिर्फ़ बन जाएंनहीं है ग़म कोई दौलत जो अपने पास नहीं मुझे दिलाएँ गे फ़िरदौसे-नाज़ आक़ा मेरेमेरा यक़ीन है ये दोस्तो क़ियास नहीं ब फ़ैज़े-आक़ा ऐ महशर मुझे तेरा हाँ तेराकोई भी […]