है क़ल्बो जिगर की सदा आ़ला ह़ज़रत
हो तुम आ़शि़के़ मुस्त़फा़ आ़ला ह़ज़रत
यही है मेरी इल्तिजा आ़ला ह़ज़रत
करो जामे उल्फ़त आ़ता आ़ला ह़ज़रत
बना कर यह दिल आईना आ़ला ह़ज़रत
हमें तुम ने अपना लिया आ़ला ह़ज़रत
मैं नजदी के झांसे में आऊं ना हर गिज़
मुझे राहे ह़क़ पर चला आ़ला ह़ज़रत
उसे खौ़फ़ कुछ भी नहीं नजदीयूं का
रहेगा जो तुम पर फि़दा आ़ला ह़ज़रत
ना छोड़ेगा वह दामन ए सुन्नीयत को
जो आ़शि़क़ तुम्हारा हुवा आ़ला ह़ज़रत
ज़बां में हो नौशा़द की इतनी ता़क़त
क़सीदा पढ़े आप का आ़ला ह़ज़रत