रहे शान से यह चमन ता क़यामतहै जैसे कि क़ायम गगन ता क़यामतवफा की निशानी मोहब्बत का सरगमहो बाकी ये गंग-व-जमन ता क़यामतभले जान मेरी जुदा जिस्म से होसलामत रहे यह वतन ता क़यामतहै बस आरज़ू यह तिरंगे का मुझकोहो मेरे नस्ल का कफ़न ता क़यामतअय अग्नि के वीरो वतन पर मारो तुमरहे मुल्क में […]
कविता
नग़म- ए- देश भक्ति
दुनिया तेरा आईना हिन्दोस्ताँकितना प्यारा है मेरा हिन्दोस्ताँ क्यूँ न हो यकता- ए- आलम हुस्न मेंतू तो है जन्नत नुमा हिन्दोस्ताँ काश लिख देता ख़ुदा ऐसा नसीबतुझ पे हो जाते फ़िदा हिन्दोस्ताँ इस जहाँ के इतने सारे मुल्कों मेंकौन है सानी तेरा हिन्दोस्ताँ किस क़दर शफ़्फ़ाफ़ है जाँ बख़्श हैतेरा पानी ओर हवा हिन्दोस्ताँ देखो […]
कविता: जोंक
रोपनी जब करते हैं कर्षित किसान ;तब रक्त चूसते हैं जोंक!चूहे फसल नहीं चरतेफसल चरते हैंसाँड और नीलगाय…..चूहे तो बस संग्रह करते हैंगहरे गोदामीय बिल में!टिड्डे पत्तियों के साथपुरुषार्थ को चाट जाते हैंआपस में युद्ध करकाले कौए मक्का बाजरा बांट खाते हैं!प्यासी धूपपसीना पीती है खेत मेंजोंक की भाँति!अंत में अक्सर हीकर्ज के कच्चे खट्टे […]
टूटी फूटी डेमोक्रेसी
जहाँ सिर्फ़ नामों के बूते परलोगों को घेरा जाता होधर्म के आधार परसबको बाँटा जाता होजगह जगह पर नफ़रत कीसभाओं को सजाया जाता होजहाँ मिट्टी को भी किसीमासूम के ख़ून से रंगा जाता होसंप्रदायिकता की आग मेंहिंसा भड़काई जाती होजहाँ अदालतों के फ़ैसले भीएक तरफ़ा मालूम होते होंक़ानून के रखवाले भी दंगाईयोंके साथ खड़े नज़र […]