भारत के ‘मिसाइल मैन’ के नाम से मशहूर पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की आज बरसी (Death Anniversary) है। आज ही के रोज उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। उनका ताल्लुक एक बहुत ही साधारण परिवार से था। भारत के राष्ट्रपति पद पर रहते हुए भी वो जमीन से जुड़े रहे
समाज के तमाम तबकों और खासकर नौजवानों के बीच तहरीक का जरिया बने डॉ. कलाम ने राष्ट्राध्यक्ष रहते हुए राष्ट्रपति भवन के दरवाजे आम लोगों के लिए खोल दिए थे। जहां पर बच्चे उनके खास मेहमान हुआ करते थे। किसी ने नहीं सोचा था कि अपने आखिरी समय में वह बच्चों को लेक्चर देते हुए ही इस दुनिया को अलविदा कह देंगे।
कलाम को 1981 में भारत सरकार ने पद्म भूषण और फिर, 1990 में पद्म विभूषण और 1997 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा था। भारत के आला-तरीन ओहदे पर तैनात होने से पहले भारत रत्न हासिल करने वाले कलाम देश के तीसरे राष्ट्रपति हैं। उनसे पहले यह मक़ाम सर्वपल्ली राधाकृष्णन और जाकिर हुसैन ने हासिल किया था।