गोरखपुर। माहे मुहर्रम इस्लामी कैलेंडर यानी हिजरी वर्ष का पहला महीना है। जो चांद नज़र आने पर इस शनिवार या रविवार से शुरू होगा। पहली मुहर्रम से हज़रत सैयदना इमाम हुसैन रदियल्लाहु अन्हु व उनके साथियों की याद में मस्जिदों व घरों में ‘जिक्रे शहीद-ए-कर्बला’ महफिल व मजलिस पहली मुहर्रम से शुरू होगी जिसका सिलसिला 10वीं मुहर्रम तक जारी रहेगा। मियां बाज़ार स्थित इमामबाड़ा इस्टेट से 5, 9 व 10 मुहर्रम को ‘शाही जुलूस’ निकलेगा। यहां मेला भी लगेगा। तैयारियां तेज हैं। शहर में ताजिया व राशन चौकी बनाने के काम में तेजी आ गई है।
माहे मुहर्रम पर होने वाली महफिल
- बेलाल मस्जिद इमामबाड़ा अलहदादपुर में पहली से दसवीं मुहर्रम तक रात में बाद नमाज एशा ‘जिक्रे शोह-दाए-कर्बला’ महफिल होगी। जिसमें कारी शराफत हुसैन कादरी रज़वी की तकरीर होगी।
- मदरसा जामिया कादरिया तजवीदुल क़ुरआन लिल बनात अलहदादपुर में ख्वातीने इस्लाम का अजीमुश्शान ‘जिक्रे शहीद-ए-कर्बला’ प्रोग्राम पहली से दसवीं मुहर्रम तक दोपहर में बाद नमाज जोहर से असर तक आयोजित होगा। जिसमें महिला धर्मगुरुओं का खिताब होगा।
- बेनीगंज ईदगाह रोड मस्जिद में पहली से दसवीं मुहर्रम तक रात में बाद नमाज एशा ‘जिक्रे शहीद-ए-कर्बला’ महफिल होगी। जिसमें कारी मोहम्मद शाबान बरकाती तकरीर करेंगे।
- सुन्नी बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर में पहली से दसवीं मुहर्रम तक रात में बाद नमाज एशा ‘जिक्रे शहीद-ए-आज़म’ महफिल होगी। जिसमें मौलाना अली अहमद तकरीर करेंगे।
- गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर में पहली से दसवीं मुहर्रम तक रात में बाद नमाज एशा ‘जिक्रे शोह-दाए-कर्बला’ महफिल होगी। जिसमें मौलाना महबूब कर्बला के वाकयात पर रौशनी डालेंगे।
- जामा मस्जिद रसूलपुर में पहली से दसवीं मुहर्रम तक शाम में बाद नमाज मगरिब ‘जिक्रे शोह-दाए-कर्बला’ महफिल होगी। जिसमें मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी का खिताब होगा।
- हज़रत मुकीम शाह जामा मस्जिद बुलाकीपुर में पहली से दसवीं मुहर्रम तक रात में बाद नमाज एशा ‘जिक्रे शोह-दाए-कर्बला’ महफिल होगी। जिसमें मौलाना रियाजुद्दीन कादरी की तकरीर होगी।
- मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक में पहली मुहर्रम से दसवीं मुहर्रम तक सुबह 9 से 11 बजे तक ‘जिक्रे शहीद-ए-कर्बला’ महफिल होगी। जिसमें मुफ्ती मेराज अहमद क़ादरी कर्बला की दास्तान बयान करेंगे।
- दारुल उलूम अहले सुन्नत मजहरुल उलूम घोषीपुरवा में पहली से पांचवीं मुहर्रम तक रात में बाद नमाज एशा ‘जिक्रे शोह-दाए-कर्बला’ महफिल होगी। तकरीर मौलाना जाहिद मिस्बाही, कारी मोहम्मद तनवीर अहमद कादरी व कारी रईसुल कादरी पेश करेंगे।
- मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर में पहली से दसवीं मुहर्रम तक रात में बाद नमाज एशा ‘जिक्रे शहीद-ए-आज़म’ महफ़िल होगी। जिसमें नायब काजी मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी का खिताब होगा।
नेक काम करने की अपील
मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती के इमाम मुफ्ती मेराज अहमद क़ादरी ने कहा कि हज़रत सैयदना इमाम हुसैन ने मैदाने कर्बला में अपनी और अपने भूखे प्यासे बच्चों, जानिसारों की कुर्बानी पेश करके दुनिया को यही पैग़ाम दिया है कि यजीद जैसे बातिल के सामने कभी झुकना नहीं। जो गलत है उसे गलत कहना चाहिए। माहे मुहर्रम में मस्जिद व घरों में इबादत करें। रोजा रखें। कुरआन-ए-पाक की तिलावत करें। फातिहा ख्वानी करें। हज़रत इमाम हुसैन व उनके साथियों की याद में खूब इसाले सवाब करें। गरीबों व जरूरतमंदों को खाना खिलाएं। उनकी जरूरत पूरी करें। पानी पिलाएं। कपड़ा पहनाएं। पौधारोपण करें। कर्बला के शहीदों की याद में महफ़िल सजाएं। अमनो अमान बरकरार रखने में प्रशासन की हरसंभव मदद करें।