झांसी में डीजे के कारण एक काजी ने निकाह पढ़ने से मना कर दिया. हुआ यूं कि रोक के बावजूद बारात में दूल्हा डीजे बजाते हुए दुल्हन के घर पहुंच गया. इस पर काजी बिफर गए और उन्होंने निकाह पढ़ाने से मना कर दिया.करीब 4 घंटे चले मान-मनौवल के बाद काजी एक शर्त के साथ मान गए. शर्त के अनुसार, वर-वधू पक्ष के लोगों ने स्टेज पर जाकर सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी. इसके बाद देर रात डेढ़ बजे काजी ने निकाह पढ़ाया.इसके बाद शहर के 3 काजियों ने मिलकर फतवा जारी कर मुस्लिम समाज के निकाह में डीजे पर रोक भी लगा दी. फतवे का उल्लंघन करने पर लड़के पक्ष पर 25 हजार रुपए जुर्माना लगाया जाएगा. यदि किसी काजी ने बारात में डीजे बजने के बाद निकाह पढ़ाया तो उस पर भी 5100 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।
क्या है पूरा मामला?
झांसी के पुलिया नंबर 9 स्थित मदीना मस्जिद के काजी अताउल्ला खान ने बताया कि पुलिया नंबर 9 पानी की टंकी के रहने वाली एक लड़की का रिश्ता झांसी के ही गुरसराय में हुआ था. 7 दिन पहले इमाम घर जाकर बताकर आए थे कि बारात में डीजे लेकर नहीं आना है. इस संबंध में फोन पर लड़के वालों से भी बात हो चुकी थी.हालांकि, बीती रात लड़के वाले बारात में डीजे लेकर पहुंच गए. डीजे पर नाचते हुए बाराती दुल्हन के घर पहुंचे. शुरूआती रस्म अदा करने के बाद जब निकाह का वक्त हुआ, तब काजी ने रोक के बावजूद बारात में डीजे बजाने को लेकर निकाह पढ़ाने से मना कर दिया. इससे दोनों पक्षों में खलबली मच गई.फिर किसी तरह मान-मनौव्वल कर शादी कराई गई लेकिन आगे से ऐसा न हो इस लिए एक फतवा जारी किया गया और अगर किसी मुस्लिम समाज के लोगो ने उसे उसके उलंघन किया तो उसको दंडित करने का प्रावधान भी किया गया क्योंकि काजियों का मानना है कि इस्लाम में हराम है डीजे, ये फिजूल खर्ची है.