- जुलूस में डी0जे0 और ग़ैर शरअई काम से दूर रहें आशिक़े रसूल: मौलाना मो0 कैफ रजा खाँ कादरी।
- जुलूस के लिए कायदे मिल्लत मौलाना तौकीर रज़ा खाँ साहब के द्वारा जारी गाईडलाईन का कड़ाई से पालन करें मुसलमान: मौलाना मो0 कैफ रजा खां।
बरेली- 27-09-2023
दरगाह उस्तादे जमन ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष नबीरा ए आलाहजरत मौलाना मो0 कैफ रजा खां ने ईद मिलादुन्नबी सल्ललल्लाहो तअ़ाला अलैहि व सल्लम की मुबारकबाद पेश करते हुए कहा कि हम आशिके रसूल आज अपने प्यारे आक़ा हुजूर सल्लल्लाहो तअ़ाला अलैहि वसल्लम के योमे विलादत (ईद मिलादुन्नबी) का जश्न मना रहे हैं। हमारे आक़ा दुनिया से बुराई का ख़ात्मा करने, अमन का पैग़ाम देने और दुनिया में शांति स्थापित करने के लिए तशरीफ़ लाये। आज हम में से बहुत से लोग हुजूर की विलादत मनाते वक्त कई ग़ैर शरई काम भी करने लगे हैं जैसे जुलूस में डी0जे0 बजाना और जुलूस के दौरान नमाज़ का वक्त होने पर नमाज़ अदा न करना, तबरूक्कात की बेहुरमती (बेअदबी) करना वग़ैरह।
आगे उन्होंने कहा कि हमें यह याद रखना चाहिए कि हम अपने प्यारे आक़ा का योमे विलादत मना रहे हैं इसलिए हम ऐसा कोई काम न करें जिससे हमारे प्यारे आक़ा हमसे नाराज हो जाएं बल्कि हमारा तरीका तो ऐसा होना चाहिए जिससे अल्लाह और उसके रसूल सल्लल्लाहो तअ़ाला अलैहि व सल्लम हमसे राज़ी हो जाएं और ईद मिलादुन्नबी मनाने का हमारा तरीका ऐसा हो कि जो तमाम जहाँ के लिए मिसाल हो अपने घरों रास्तों पर रौशनी करें, न्याज़ फ़ातिहा करें, जलसा-जुलूस करें, लंगर करें और जुलूस में वुज़्ाू करके शरीक हों, इस्लामी लिबास पहनें, खुशबू लगाएं, दुरूदे पाक को कसरस से पढ़ें, तबरूक्कात बाँटते वक्त इस बात का ख़ास ख्याल रखें कि रिज़्क की बेहुरमती न हो और सड़क पर कहीं कोई गंदगी न फैले, जुलूस के दौरान भी नमाज़ को अपने वक्तों पर अदा करते रहें। ग़रीबों, मिस्कीनों और बीमारों की हत्तल इमकान मदद करें।
मौलाना कैफ रज़ा क़ादरी ने कहा कि जुलूस में शिरकत के लिए क़ायदे मिल्लत मौलाना तौक़ीर रज़ा खाँ साहब द्वारा जारी गाईडलाईन का कड़ाई से पालन करें।
मौलाना कैफ ने कहा कि यह ज़िद या बहस का मुद्दा नहीं है बल्कि हमें यह देखना होगा कि हम अपने प्यारे आका का योमे विलादत हम मना रहें हैं उनका बताया हुआ रास्ता क्या है? सही क्या है? और गलत क्या है? हमें आपस में ज़िद-बहस छोड़कर प्यारे आका सल्लल्लाहो तअ़ाला अलैहि व सल्लम के तरीक़े पर अमल करना चाहिए और उनकी तालीमात के मुताबिक ही अपनी जिन्दगी गुज़ारनी चाहिए। अल्लाह हम सबको प्यारे आका के बताये रास्ते पर चलने की तौफीक अता फरमाए (आमीन)
मीडिया सेल
दरगाह उस्तादे ज़मन ट्रस्ट