- किताब : सवादुल अैनैन फी मनाक़ीब ग़ौस अबूलअलमैन
- मुसन्निफ़ : शैख अबूल क़ासीम अब्दुल करीम राफई शाफाई رضی اللہ تعالی عنہ
- मुतरजीम खुत्बा : मौलाना हाफीज़ डॉ. मोहम्मद खान बीयाबानी रिफाई कादरी
- कामीलुल हदीस जामीआ नीज़ामीआ, रिर्सच स्कोलर मानो हैदराबाद
- हस्बे फरमाईश : मौलाना सय्यद हिसामुद्दीन रिफाई ईब्ने सय्यद जमालुद्दीन रिफाई ख़ानक़ाहे रिफाईया बड़ौदा, गुजरात.
हम में का हर कोई ये जानता हे के ख़ु्त्बतुलविदा वोह ख़ुत्बा हे जो नबी ए पाक ﷺ ने हुज्जतुलविदा के मौक़े पर ईरशाद फरमाया हे जिस मे आप ﷺ ने अपने विसाले अक़दस की जानीब ईशारा फरमाया, जो ( ख़ुत्बा ) आप की उम्मत के लीये विदाई वसीयतों पर मुशतमील हे और हज़रत सय्यद अहमद कबीर रिफाई رضی اللہ تعالی عنہ जीनके मक़ामात बड़े बुलंद है उनके मर्तबत के कमालात मे से हे के आप ने भी ( अपने जद्दे मुकर्रम ﷺ के फैज़ान ही से ) अपने विसाल से क़ब्ल कुरसी पर अैसा ख़ुत्बा ईरशाद फरमाया जिसमें अपने विसाल की जानीब आपने ईशारा फरमाया और अपने मुरीदीनको आख़री वसीयतों से सरफराज़ फरमाया, ईस ख़ुत्बे को शाफई फक़ीह ईमामुल कबीर शैख अबूल क़ासीम अब्दुल करीम राफईرضی اللہ تعالی عنہ ने अपनी किताब ”सवादुल अैनैन” मे लिखा हे.
🌹🌹 तरजुमा ख़ुत्बतुलविदाई लिर्रिफाई 🌹🌹
मुज़े खबर दी शैख आरीफ अबु ज़करीया जमालुद्दीन हमसी ने के उनके शैख शैख आरीफ बिल्लाह ईमाम इज़ीउद्दीन अहमद सय्याद जो क़ुतुब ग़ौस अबूल अब्बास सय्यद अहमद कबीर रिफाई के नवासे है उनके जद्दे अमजद सय्यदना अहमद कबीर रिफाई ने उम्मे अबीदा मे कुरसी ए वाअज़ पर ईंरशाद फरमाया के ईन मजालीस के ख़त्म का वक़त क़रीब आ चुका हे तो सुनो ! जो हाज़ीर हे ग़ायब को इस की खबर पहोंचादे के जिसने दीन की राह नया काम कीया या नई बात ईजाद की और मुनफ्रद बात कहीं , मख़्लुक़ पर ज़ुठ बोलता रहा, शतहीय्यात (अैसी बात जो बज़ाहीर ग़ैर शरई हो लेकीन केहने वाले के हस्बे हाल हो) मे तकल्लुफ कीया और चीकनी चपड़ी बातों से दीन के नाम पर लोगों से दुन्या कमाता रहा और जान बुज़ कर ज़ुठ बोला, अजनबी औरत से ग़ैर शरई तौर पर ख़लवत की, मुसलमानों के सामान और अमवाल की तरफ ललचाई नज़रों से देखा, बिला वज़ह शरई मुसलमान से बुग़्ज़ रखा, ज़ालीम की अेआनत की,मज़लुम की अेहानत की, औलीया के माबैन तफरीक़ की, सच्चे को ज़ुठलाया, ज़ुठे की तसदीक़ की, बेवकुफों वाला काम कीया और उनकी बोली बोली तो उस का मुज़से कोई तआल्लुक़ नहीं है उससे दुन्या व आख़ेरत में बरी हुं। शैख मनसुर भी अैसे से बरी हैं अल्लाह तआला और उस के रसुल ﷺ भी बरी हें। और जो हमने कहा अल्लाह तआला उस पर निगेहबान हे."
(सवादुल अैनैन, सफा : 26)
बज़मे रिफाई
ख़ानक़ाहे रिफाईया बड़ौदा, गुजरात
9978344822