गोरखपुर शहर के जाफ़रा बाज़ार में ‘सब्जपोश’ खानदान करीब तीन सौ सालों से बसा हुआ है। इस खानदान और शहर के बड़े वलियों में शुमार हज़रत मीर सैयद कयामुद्दीन शाह अलैहिर्रहमां का 315वां उर्स-ए-पाक 16 सितम्बर को है।
हज़रत मीर सैयद कयामुद्दीन अलैहिर्रहमां शहंशाह शाहजहां के जमाने में गोरखपुर आए। इनके पीर हज़रत शैख़ मोहम्मद रशीद जौनपुरी अलैहिर्रहमां ने आपको खिलाफत अता फरमाई और आप गोरखपुर के हो गए। जहां वह ठहरे (जाफ़रा बाज़ार में) वहां जंगल था। आपने मस्जिद बनवाई। हुजरा कायम किया। हमेशा रोजे रखने और इबादत के अलावा आप बहुत हुनरमंद थे। इनका विसाल 8 सफर 1128 हिजरी को हुआ। जब आपका विसाल हुआ उस वक्त आपकी उम्र सौ साल थी। आपका मजार सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाजार के प्रांगण में है।