धार्मिक

खौफ व खशियत ए खुदावंदी
यानी अल्लाह तआला का डर

लेखक: मह़मूद रज़ा क़ादरी, गोरखपुर

अल्लाह तआला ने फरमाया فاللہ احق ان تخشوہ، अल्लाह तआला ही इस शान के लायक़ है कि उसकी पकड़ से बहुत ज्यादा खौफ खाएं। कुछ मुफस्सेरीन ने इस कलाम में مرج البحرین یلتقیان के बारे में तफसीर करते हुए फरमाया कि इस जगह बहरैन से खौफ व रिजा के दो समंदर हैं जो मोमिन के दिल में जाकर मिलते हैं ।
सैय्यद ए आलम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया जो भी कोई शख्स अल्लाह ताला के खौफ से रोया वह हरगिज दोज़ख में नहीं जाएगा यहां तक कि दुध, थनों में वापस जाए यानी कि थनों से निकला हुआ दूध जैसे वापस नहीं जा सकता है ऐसे ही यकीन कर ले जो शख्स अल्लाह ताला के खौफ अपने आंसू बहाए व दोज़ख में नहीं डाला जाएगा। नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया गुनहगार के आंसू अल्लाह तआला के गज़ब को ठण्डा कर देते हैं।
हजरत अब्दुल्लाह इब्ने अब्बास और हजरत अबू हुरैरा रजिल्लाहु अन्हो से मरवी है कि नबी ए करीम सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम ने फरमाया खाशियते इलाही से जिसकी आंखों में आंसू छलक पड़ते हैं मिजा़न पर उसका एक-एक आंसू का वजन ओहद पहाड़ के बराबर होगा और उसे हर हर कतरे के बदले जन्नत में चश्मा दिया जाएगा जिन के दोनों किनारों पर महल्लात के शहर आबाद होंगे ऐसे हसीन व जमीन की ना किसी आंख ने देखे ना किसी काम ने सुने और ना ही उनकी खूबसूरती का गुमान किसी दिल में पैदा हुआ।
अगर कहा जाए कि यूं तो शैतान भी बहुत रोया था उसे क्या फायदा हासिल हुआ हालांकि इरशाद ए मुस्तफा सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम है कि गुनाहगार के आंसू अल्लाह ताला के गज़ब को ठण्डा करते हैं। तो उसका जवाब दिया जाएगा कि
आपका फरमान बरहक है क्योंकि आपने गुनाहगार के आंसू के बारे में फरमाया ना कि काफिर के आंसुओं के बारे में कहा इसलिए कि गुनाह ज़हर है और आंसू उसका तोड़ है। :-_

लतीफा (कहानी) तकवा हुस्न व जमाल की शक्ल में

बयान करते हैं कि कोई अल्लाह ताला के बंदे ने ख्वाब में एक पैकर हुस्नो जमाल नौजवान को देखा तो उससे पूछा तुम कौन हो? वह बोला मैं तकवा हूं उसने कहा तू कहां रहता है बोला हर परेशान दिल और रोने वाली आंख में फिर उस नौजवान ने बताया मैंने एक काली स्याह औरत देखी पूछा तू कौन है? कहने लगी हंसी मज़ाक हूं पुछा तु कहा रहती है? बोली हर खुशहाल दिल में

फायदा – गम व मुसीबत गुनाह का कफ्फारा है।

हजरत उम्मुल मोमेनीन सैय्यदा आयशा सिद्दीका रजियल्लाहु अन्हा फरमाती हैं कि नबी ए करीम सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम ने फरमाया जब इंसान से गुनाह ज्यादा हो जाते हैं तो अल्लाह ताला उसको गम और मुसीबत में गिरफ्तार कर देता है वही गम और मुसीबत उसकी गुनाहों का कफारा(तोड़)बन जाता है अल्लाह ताला के किसी नेक बंदे ने ख्वाब देखा कि गमज़दा और परेशान लोगों से बढ़कर किसी और का मर्तबा नहीं है नबी ए करीम सल्लल्लाहो अलैही वसल्लम ने फ़रमाया अल्लाह ताला परेशान दिल वालों से मोहब्बत फरमाता है। नबी ए करीम सल्लल्लाहो सल्लम ने फ़रमाया अल्लाह ताला ने मुझे फरमाया, मेरे हबीब गम और मुसीबत से खौफ ना कीजिए क्योंकि मेरे प्यारों को तो इनसे ही वास्ता होता है हजरत याकूब अलैहिस्सलाम की आंखों की बिनाई गम और मुसीबत की वजह से चली गई थी मगर कभी याकूब अलैहिस्सलाम मुसीबत से घबराए नहीं बल्कि अल्लाह ताला के अहकाम पर अमल करते रहे और उसकी जिक्र करते रहे।

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