गोरखपुर। तंज़ीम उलमा-ए-अहले सुन्नत की चांद कमेटी द्वारा माहे मुहर्रम का चांद मंगलवार 18 जुलाई की शाम में देखा जाएगा। यह जानकारी मुफ्ती-ए-शहर अख़्तर हुसैन मन्नानी ने दी है।
उन्होंने बताया कि चांद नज़र आ गया तो माहे मुहर्रम बुधवार 19 जुलाई से शुरू हो जाएगा और 10वीं मुहर्रम यानी यौमे आशूरा 28 जुलाई को होगा। चांद नहीं दिखा तो माहे मुहर्रम गुरुवार 20 जुलाई से शुरू होगा और यौमे आशूरा 29 जुलाई को पड़ेगा। माहे मुहर्रम का चांद दिखते ही नए इस्लामी साल का आगाज़ होगा। इसी के साथ 1445 हिजरी शुरू हो जाएगी। हिजरी सन् का आगाज माहे मुहर्रम से ही होता है। मुहर्रम की दस तारीख को पैगंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के प्यारे नवासे हज़रत सैयदना इमाम हुसैन रदियल्लाहु अन्हु व उनके साथियों को जालिमों ने शहीद कर दिया था। मुहर्रम में उस अज़ीम कुर्बानी को शिद्दत से याद कर अकीदत का नज़राना पेश किया जाता है।
अमनो अमान कायम रखने में मददगार बनें : कारी मोहम्मद अनस
मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर के शिक्षक कारी मोहम्मद अनस रजवी ने कहा कि हज़रत सैयदना इमाम हुसैन व उनके साथियों ने बेमिसाल कुर्बानी पेश की। मुहर्रम हमें सब्र का पैग़ाम देता है। शरीअत के दायरे में रह कर इसाले सवाब करें। एक दूसरे की मदद करें। कर्बला के शहीदों की याद में कुरआन ख्वानी, फातिहा ख्वानी व दुआ ख्वानी करें। गरीबों व फकीरों की हाजत पूरी करें, उनको खिलाना पिलाना सवाब है। पौधा रोपण करें। पर्यावरण को हरा भरा करें। कर्बला के शहीदों की याद में महफ़िल का एहतमाम करें। नेकी की दावत आम करें। अमनो शांति कायम रखने में प्रशासन की मदद करें।
छोटे काजीपुर में जलसा आज
गोरखपुर। छोटे काजीपुर गौसिया जामा मस्जिद के पास मंगलवार 18 जुलाई को रात नौ बजे से ‘इस्लाहे ईमान व अकाइद’ नाम से जलसा होगा। जिसमें मसौली शरीफ दरगाह के सज्जादानशी मशहूर धर्मगुरु सैयद शाह गुलजार इस्माईल वास्ती ‘गुलजारे मिल्लत’ अवाम को संबोधित करेंगे। इसके अलावा बस्ती के मुफ्ती मो. अख्तर हुसैन अलीमी, घोसी मऊ के मुफ्ती रिजवान अहमद शरीफी, मुंबई के मुफ्ती जमालुद्दीन नूरी की भी तकरीर होगी। नात शरीफ बनारस के अहमद रजा व कानपुर के मो. सैफ रजा पेश करेंगे। यह जानकारी मुफ्ती मेराज अहमद कादरी व मौलाना मोहम्मद अहमद निजामी ने दी है।