पैगामे ग़रीब नवाज़ कांफ्रेंस
गोरखपुर। बेलाल मस्जिद इमामबाड़ा अलहदादपुर में बुधवार को सुल्तानुल हिन्द हज़रत ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती अजमेरी अलैहिर्रहमां (ख़्वाजा ग़रीब नवाज़) की याद में ‘पैगामे ग़रीब नवाज़ कांफ्रेंस’ हुई। आसपास के जिलों के उलेमा-ए-किराम ने शिरकत की। संचालन मौलाना मकसूद आलम मिस्बाही ने किया। सरपरस्ती कारी रईसुल कादरी ने की।
मुख्य अतिथि अल जामियतुल अशरफिया मुबारकपुर यूनिवर्सिटी के मौलाना मो. मसऊद अहमद बरकाती ने कहा कि जिंदगी के हर मैदान और शोबे के लिए दीन-ए-इस्लाम की हिकमत व तालीम बेमिसाल है। दीन-ए-इस्लाम की बुनियाद तौहीद, इबादत, सच्चाई, पाक दामनी और हया पर है। तमाम मुसलमान इन हिदायत पर अमल करें और रसूल-ए-पाक हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की सुन्नतों पर चलें। समाज का हर शख्स अपनी जिम्मेदारी अंजाम देते हुए जगह-जगह इस्लामी तालिमात को पहुंचाये ताकि दुनिया और आखिरत में कामयाबी हासिल हो सके और बातिल कुव्वतों को करारी शिकस्त मिले। कहा कि दीन-ए-इस्लाम की पहली तालीम इल्म हासिल करना है। उन्होंने लोगों से हज़रत ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ अलैहिर्रहमां के नक्शेकदम पर चलने की अपील की।
कयादत करते हुए मस्जिद के इमाम कारी शराफत हुसैन कादरी ने कहा कि मकसदे ज़िन्दगी अल्लाह की बंदगी और अल्लाह व रसूल-ए-पाक हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के बताए हुए अहकाम के मुताबिक अपने आपको ढ़ालना है।
सदारत करते हुए मुफ्ती अख्तर हुसैन (मुफ्ती-ए-शहर) ने रसूल-ए-पाक हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की सुन्नतों पर अमल करने की ताकीद की। वालिदैन से उनके बच्चों को दीनी व दुनियावी तालीम दिलाने पर जोर दिया।
तिलावत-ए-कुरआन से कांफ्रेंस का आगाज़ गोंडा के कारी शादाब रज़ा ने किया। अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्कों मिल्लत के लिए दुआ कर शीरीनी बांटी गई।
कांफ्रेंस में कारी शराफत हुसैन, मुफ्ती खुर्शीद अहमद मिस्बाही, मुफ्ती मो. अज़हर शम्सी, नबी अहमद, मो. असलम, मो. सबरेज, अब्दुल कय्यूम, मो. जावेद, अब्दुल वाहिद, मो. शफीक सोनू, मो. कैश अंसारी, अब्दुल हामिद अंसारी, मौलाना जहांगीर अहमद अज़ीज़ी, मुफ्ती मो. शमीम, रईस अनवर, कारी अफजल बरकाती, मौलाना असलम रज़वी, मो. मुख्तार अंसारी, एजाज अहमद, शाकिर अली सलमानी, इरशाद हुसैन सहित तमाम लोगों ने शिरकत की।