लेखक: मह़मूद रज़ा क़ादरी, चिश्तिया मस्जिद गोरखपुर जिस तरह बालिग मर्द पर नमाज फ़र्ज़ है इसी तरह बालिग औरत पर भी नमाज़ फ़र्ज़ है हैज़ (Menses)और नफास की हालत में औरतों को नमाज पढ़ना हराम है इन दिनों में औरतों को नमाज माफ है और इन दिनों की नमाज की कजा़ भी नहीं(बहारे शरीयत, ही, […]
मूसा अलयहीस्सलाम ने एक दिन अल्लाह की बारगाह में अर्ज किया के ऐ मेरे रब मेरे साथ जन्नत में कौन होगा?इरशाद हुआ कि: एक कस्साब तुम्हारे साथ जन्नत में होगा।हज़रत मूसा अलयहीस्सलाम कुछ हैरान हुए और उस कस्साब की तलाश में निकल पड़ेऔर एक जगह पर गोश्त की दूकान पर कस्साब को गोश्त बेचते हुए […]
दीनी व रूहानी मैदान में खिदमात अंजाम देने के साथ अब चिकित्सा के मैदान में भी खिदमात अंजाम देंगी खानदाने आलाहजरत की बेटियां। आला हजरत और खानदाने आलाहजरत के बुजुर्गों और शहजादगान ने दशकों से रूहानियत, धार्मिक शिक्षा और मसलकी व खानकाही शिक्षा व दीक्षा के मैदान में विश्व स्तर पर अपना एक अहम मकाम […]