- महात्मा गांधी और डा. राममनोहर लोहिया ने इसे कृत्रिम विभाजन करार दिया:रामबहादुर
बाराबंकी!(अबू शहमा अंसारी)। ‘भारत पाक महांसघ‘ का विचार विभाजन के साथ शुरू हुआ। महात्मा गांधी और डा. राममनोहर लोहिया ने इसे कृत्रिम विभाजन करार दिया! उनका मनाना था कि किसी भी तरह हिन्दुस्तान और पाकिस्तान को जोड़ने का सिलसिला शुरू करना होगा। क्योंकि जब हिन्दुस्तान और पाकिस्तान का बंटवारा एक बार हो चुका है, वह हमेशा के लिए नहीं हुआ। वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय ने ‘राजनीति और नीति‘ पुस्तक में महासंघ पर मेरे प्रयास को सराहा है। उनका मानना है कि यदि दोनों देशों के बीच युद्ध भी चल रहा हो तब भी हमें महासंघ बनाने का प्रयास करना होगा।
यह बात गांधी भवन में भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश का महासंघ बनाओ सम्मेलन को संबोधित करते हुए गांधीवादी चिन्तक राजनाथ शर्मा ने कही। श्री शर्मा ने कहा कि भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश की नस्ल एक है, धर्म अलग है। उनके बीच एक सीमा की दीवार है, लेकिन उनकी संस्कृति और सांस्कृतिक विरासत एक ही है। जब जर्मन में बर्लिन की दीवार को तोड़ा जा सकता है, तो हम अपने देश की रक्षा स्थिति को बनाए रखते हुए शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि के क्षेत्र में एक महासंघ बनाकर काम क्यों नहीं कर सकते?
उन्होंने आगे कहा कि हमारे पड़ोसी देशों में अच्छी चिकित्सा सुविधाएं और शैक्षिक अवसर नहीं हैं। भारत भी इस क्षेत्र में उनका नेतृत्व कर सकता है और हम व्यापार के माध्यम से देशों के बीच कई चीजों को सुगम बना सकते हैं। तोनों देशों का महासंघ बनाकर न केवल शिक्षा, स्वास्थ्य और लोक कल्याण कार्यों को बढ़ावा दिया जा सकता है, बल्कि अपने देश की रक्षा स्थिति को बनाए रखते हुए विश्व शक्ति को एक मजबूत विकल्प हो सकता है।
वरिष्ठ समाजसेवी हाजी सलाहउद्दीन किदवई ने कहा कि हिन्दुस्तान और पाकिस्तान का बंटवारा दिलों का बंटवारा है। दिलों का बंटवारा ज्यादा दिनों तक नही चलता है। महासंघ बनने के बाद भले ही हुकूमतें अलग रहें लेकिन दिलों का मिलना बेहद जरूरी है।
वरिष्ठ अधिवक्ता हुमायूं नईम खान ने कहा कि भारत विभाजन ऐतिहासिक भूल थी। जिसमें लाखों लोगों को बेघर होना पड़ा और जान गंवानी पड़ी। आज हमारी आजादी खतरे में है। ऐसे में महासंघ बनाने का मुद्दा संवेदनशील है। जिसका प्रयास सरकारों को करना चाहिए।
सभा का संचालन पाटेश्वरी प्रसाद ने किया। इस मौके पर मुख्य रूप से विनय कुमार सिंह, तारिक जीलानी, वीरेन्द्र सिंह, तौकीर कर्रार, मृत्युंजय शर्मा, शोएब अनवर, फैज़ खुमार, भागीरथ गौतम, अताउर्रहमान कुरैशी, पत्रकार मो. उमैर, धनंजय शर्मा, साकेत मौर्य, राजेश यादव, तौफीक अहमद, कपिल सिंह यादव, सत्यवान वर्मा, अशोक शुक्ला, अजीज अहमद, संतोष शुक्ला, अनिल यादव, अशोक जायसवाल सहित कई लोग मौजूद रहे।