कल 31 जनवरी 2021 बरोज़ इतवार को सय्यदी व मुर्शिदी सय्यद पीर कबीर अहमद शाह बुख़ारी रहमतुल्लाहि अ़लैहि की ओताक़ हरपालिया में
नूरुल उ़ल्मा हज़रत अ़ल्लामा अल्हाज सय्यद पीर नुरुल्लाह शाह बुखारी मद्दज़िल हुल आ़ली की सदारत में एक कौ़मी इस्लाही मिटिंग रखी गई !
जिस में सय्यद साहब ने समाज में मौजूद खुशी और ग़मी के मौके़ पर होने वाले शरीअ़त के खिलाफ कामों की निशान दही करते हुए लोगों को शरीअ़त के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारने और ग़लत रस्म व रिवाज को छोड़ने पर ज़ोर दिया,बिल खुसूस शादी विवाह और मौत के वक़्त जो फुज़ूल खर्चियाँ की जाती हैं उन से हर संभव बचने की तल्क़ीन और अपील की,इस मीटिंग में फुजू़ल खर्चियों आदि बहुत सारे ग़लत रीति-रिवाज पर चर्चा हुई।
सय्यद नुरुल्लाह शाह बुखारी की अगुवाई पर “इज्तिमाई शादी”[समूह-लगन) के बारे में खास तौर पर बात की गई। मिटिंग में मौजूद तमाम बाशिन्दगा़ने हरपालिया नें एक आवाज़ में सय्यद साहब की बात पर लब्बैक कहत् हुए, इस बार हरपालिया गांव में “इज्तिमाई शादी”[समूह लगन] करने पर मुत्तफिक़ हुऐ!
इस मिटिंग में गाँव की फलाह व बहबूद और दीनी व समाजी खिदमात अंजाम देने के लिए तीन कमेटियाँ तशकील दी गईं, पहली कमेटी मज्लिसे मुशावरत के नाम पर जिस में गाँव के सभी मुअ़ज़्ज़ीन व बडे़ बुज़ुर्गों की शिरकत होगी,जब कि दोसरी कमेटी नौजवानों पर मुश्तमिल होगी जो अपने बड़ों की देख रेख में दीनी,समाजी व फलाही काम करेंगे!
और तीसरी कमेटी सिर्फ 11 अफराद पर मुश्तमिल होगी जो दोनों कमेटियों की निगरानी और इज्तिमाई शादी व दीगर उमूर की अंजाम दही के लिए कोशाँ रहेंगें|
सय्यद साहब ने अगुवाई करते हुए कौमी व फलाही काम के लिए अपनी तरफ से एक अच्छी रक़म पेश की ,
इस पहल के सदके़ मीटिंग में मौजूद अ़वाम ने समाज के लिए बहुत ही अच्छी खासी रक़म जमा करवा कर यह साबित कर दिया कि हम ज़िंदा क़ौम हैं,और क़ौम व मिल्लत की खिदमत के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं।
रिपोर्ट
बाक़िर हुसैन बरकाती अनवारी
खादिम:दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ,बाड़मेर (राज:)