खाना-ए-काबा की ज़ियारत एवं तवाफ करना, रौज़ा-ए-रसूल पर दस्त बस्ता अदब व एहतिराम के साथ उपस्थित होने और प्रार्थना और अभिवादन करने(सलात व सलाम पेश करने) का सौभाग्य, हरमैन तय्यिबैन के अन्य पवित्र और धन्य(बा बरकत व मुक़द्दस) स्थानों के सुंदर दृश्यों की दर्शन (ज़ियारत) करके अपनी आत्मा व रुह को सैराब करना (सींचना) हर मुसलमान की दिली इच्छा होती है, लेकिन इस इच्छा की पूर्ति केवल उच्च भाग्य वाले लोगों को ही प्राप्त होती है।
अभी कुछ दिनों पहले पश्चिमी राजस्थान के महान एवं प्रतिष्ठित धार्मिक विद्यालय एवं थार क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक मदरसा “दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ, बाड़मेर “के नाज़िमे आला एवं शैखुल हदीस पीरे तरीक़त नूरुल उ़ल्मा, हज़रत अ़ल्लामा अल्हाज सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी मद्ज़िल्लहुल आ़ली सादगी के साथ ज़ियारते हरमैन तय्यबैन के लिए तशरीफ ले गए ।
और कल दिनांक 04 नवंबर 2024 ईस्वी दिन सोमवार को वह जेद्दा से अहमदाबाद होते हुए दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ वापस तशरीफ ले आए ।
रास्ते में गुजरात और राजस्थान के विभिन्न स्थानों (मेहसाना, छापी, पालनपुर, सांचौर, भुनिया, धनाऊ, ईटाडा, मिठे का तला , देदूसर, बाउड़ी आदि) पर आपके मुरीदों और अ़क़ीदतमंदों ने ज़ोरदार और भव्य स्वागत हुआ।
दारुल उ़लूम पहुंचने पर दारुल उ़लूम के सभी शिक्षकों, छात्रों और फारिग़ीन, (अनवारी बंधु) और क्षेत्र के गणमान्य लोगों और बुखारी परिवार के सभी सादाते किराम ने भव्य स्वागत किया।
इस पवित्र यात्रा में आपके साथ दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ के अध्यक्ष(सदर मुदर्रिस) हज़रत मौलाना दिलावर हुसैन साहब क़ादरी, हज़रत सय्यद दिलावर शाह मटारी आ़लमसर, हज़रत मौलाना बाक़िर हुसैन साहब क़ादरी अनवारी, मैनेजर हाजी शेर मुहम्मद खान सरपंच मीठे का तला, सरपंच हाजी मुहम्मद अनवर सींहार, हाजी मुहम्मद एहसान हरपालिया, जनाब सखरदीन दर्स,जनाब रुकन दीन दर्स, जनाब इरफान खान दर्स, जनाब गुल मुहम्मद दर्स सेड़वा,अ़ली अकबर खान मीठे का तला, चिनेसर खान रहुमा हरपालिया,नाथु खान हरपालिया व जनाब दीन मुहम्मद समेजा तालसर और कई अन्य भाग्यशाली लोग थे।
अल्लाह तआ़ला इन सभी सज्जनों के इस उ़मरा को अपनी बारगाह में स्वीकार(क़बूल) फरमाए, और हम सभी को हरमैन तय्यबैन की पवित्र यात्रा की तौफीक़ अ़ता फरमाए।
आमीन बिजाहि सय्यिदिल-मुर्सलीन ﷺ
रिपोर्ट: मुहम्मद शमीम अहमद नूरी मिस्बाही
खादिम: दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ, बाड़मेर (राजस्थान)