गोरखपुर। उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमज़ान हेल्पलाइन नंबरों पर रविवार को सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने नमाज़, रोज़ा, जकात, फित्रा आदि के बारे में सवाल किए। उलमा-ए-किराम ने क़ुरआन व हदीस की रोशनी में जवाब दिया। इन नम्बरों पर आप भी सवाल कर जवाब हासिल कर सकते हैं:
9956971232, 8604887862, 9598348521, 73880 95737, 82493 33347, 8896678117, 8563077292, 9956049501, 9956971041, 77549 59739, 9555591541
सवाल : जकात की रकम किस्तों में दे सकते हैं? (आसिम, रहमतनगर)
जवाब : अगर कोई मजबूरी हो कि रकम इकठ्ठी नहीं दे सकता तो किस्तों में भी देने से अदा हो जाएगी। (मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी)
सवाल : बालिग लड़का जिसे अभी दाढ़ी नहीं आई है क्या उसे इमाम बनाया जा सकता है? (काशिफ, गाज़ी रौजा)
जवाब : अगर उसमें इमामत के दीगर शराइत भी पाए जाते हैं तो उसे इमाम बनाने में कोई हर्ज नहीं। (मौलाना बदरे आलम निज़ामी)
सवाल : केकड़ा खाना या उसका सूप पीना कैसा? (राजिक, तिवारीपुर)
जवाब : जायज़ नहीं बल्कि हराम है। (मुफ्ती अख़्तर हुसैन मन्नानी)