गोरखपुर। तुर्कवलिया में मंगलवार देर रात जलसा हुआ। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत हाफ़िज़ तबारक हुसैन ने की। हम्द, नात व मनकबत मोहम्मद अफरोज क़ादरी ने पेश की।
मुख्य वक्ता मौलाना तफज़्ज़ुल हुसैन रज़वी ने कहा कि कलमा, नमाज़, रोज़ा, जकात, हज दीन-ए-इस्लाम के स्तंभ हैं इनकी हिफाजत करें। दीन-ए-इस्लाम की तालीम में प्यार, मोहब्बत, भाईचारगी व अदब है। दीन-ए-इस्लाम की सभी तालीम सिर्फ और सिर्फ इंसानियत की भलाई के लिए हैं। दीन-ए-इस्लाम की मोहब्बत लोगों के दिलों में रचती बसती जा रही और लोग दीन-ए-इस्लाम अपनाते जा रहे हैं। पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने पूरी दुनिया को ईमान के साथ दीन-ए-इस्लाम के मुताबिक नेक अमल करने की तालीम दी। पैग़ंबर-ए-आज़म और आपके सहाबा की पैरवी हमारी पहली जिम्मेदारी है, इसलिए पैग़ंबर-ए-आज़म की तालीम पर हम सब अमल करें। पैग़ंबर-ए-आज़म ने अपने जीवन में ही अपने सच्चे और अच्छे सहाबा की वह पाक जमात तैयार की जिसके हर व्यक्ति ने पैग़ंबर-ए-आज़म का हर पैग़ाम पूरी दुनिया में पहुंचाया। आज हर कलमा पढ़ने वाले की यह जिम्मेदारी है कि वह पैग़ंबर-ए-आज़म के पैग़ाम-ए-अमन व मोहब्बत को घर-घर पहुंचाएं। हम अपनी ज़िंदगी को नेक कामों से संवारें और बुराइयों से बचें।
विशिष्ट वक्ता मौलाना इम्तियाज़ अहमद ने कहा कि हर हाल में अल्लाह व रसूल का शुक्र अदा करें। मां-बाप, उस्ताद, उलमा-ए-किराम का अदब करें। तालीम हासिल करने पर जोर दें। बच्चों को दीनी तालीम हर हाल में दिए जाने की व्यवस्था करें। दुनियावी तालीम भी दिलाएं। हर हाल में औरतों का इज़्ज़त करें। साफ-सफाई को अपनाएं। जमीन को हरा-भरा और पानी की बचत करें। पशु-पक्षियों पर रहम करें। पड़ोसियों, आम इंसानों और मजदूरों का हक अदा करें। यतीमों, बेसहारा, विधवाओं पर रहम करें।
अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो-अमान की दुआ मांगी गई। शीरीनी बांटी गई। जलसे में ताल्लुकदार, मौलाना मोहम्मद शुएब निज़ामी, कारी अशरफ अली, शहादत हुसैन, करामत हुसैन, इबादत हुसैन, फिदा हुसैन, शाह आलम आदि मौजूद रहे।