गोरखपुर मसाइल-ए-दीनीया

स्याह खिजाब का इस्तेमाल करना हराम है: उलमा-ए-किराम

गोरखपुर। उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमज़ान हेल्पलाइन नंबरों पर गुरुवार को सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने अलविदा, ईद, नमाज़, रोज़ा, जकात, फित्रा आदि के बारे में सवाल किए। उलमा-ए-किराम ने क़ुरआन व हदीस की रोशनी में जवाब दिया। इन नम्बरों पर आप भी सवाल कर जवाब हासिल कर सकते हैं 9956971232, 8604887862, 9598348521, 73880 95737, 82493 33347, 8896678117, 8563077292, 9956049501, 9956971041, 77549 59739, 9555591541

सवाल : दीवार पर बने परिंदे यानी कबूतर, तोता या मोर की तस्वीर किब्ला रूख हो तो उसके सामने नमाज़ पढ़ना कैसा है? (सैयद नदीम, सूर्यविहार कॉलोनी)
जवाब : जिस कमरे के अंदर जानदार की तस्वीर लगी हुई हो चाहे ऊपर हो या नीचे हो, सामने हो, दायें हो या बायेें हो तो उस कमरे के अंदर नमाज़ पढ़ना मकरूहे तहरीमी है। सबसे ज्यादा कराहियत उस तस्वीर में है जो नमाज़ी के सामने जानिब किब्ला में हो, फिर वह जो नमाज़ी के सर पर लटकी हो, फिर वह जो उसके दाहिने हो, फिर वह जो बायें हो और सबसे कम कराहियत उसमें है कि नमाज़ी के पीछे किसी दीवार वगैरा में हो। (मुफ्ती मो. अजहर शम्सी)

सवाल : स्याह खिजाब करने वाले के पीछे नमाज़ का क्या हुक्म है? (राजिक, तिवारीपुर)
जवाब : स्याह खिजाब का इस्तेमाल करना हराम है और उस शख़्स पीछे नमाज़ मकरूहे तहरीमी है उसको दोबारा पढ़ना वाजिब है। (मौलाना बदरे आलम निज़ामी)

सवाल : अगर शर्ट पर घोड़े और इंसान का मोनो बना हो और तस्वीर भी वाजे हो तो क्या ऐसे कपड़े में नमाज़ पढ़ना दुरुस्त है? (मुस्लिम, बिछिया)
जवाब : सूरते मसला में अगर जानदार की तस्वीर बड़ी है और उसकी आंखें भी वाजेह है और देखने से साफ जाहिर हो रहा है कि यह घोड़ा है लिहाजा उस शर्ट को पहनकर नमाज़ पढ़ना मकरूहे तहरीमी है अलबत्ता अगर तस्वीर मिटा दी जाये या छिपा ली जाए या उसका चेहरा मुकम्मल काट दिया जाये या उस पर स्याही मल दी जाए तो इन तमाम सूरतों में नमाज़ बगैर कराहियत के दुरूस्त हो जायेगी। (मुफ्ती मेराज अहमद क़ादरी)

समाचार अपडेट प्राप्त करने हेतु हमारा व्हाट्सएप्प ग्रूप ज्वाइन करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *