मऊ: (इम्तियाज़ मंसूरी) 30 Dec// अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग के प्रोफेसर ज़फर अहमद सिद्दीक़ी का लम्बी बीमारी के बाद देहांत हो गया।
सूत्रों ने बताया की ज़फर अहमद सिद्दीकी लगभग 40 बरस से उर्दू शिक्षा और उर्दू विभाग से जुड़े हुवे होने के बावजूद घोसी बागपोखर ईदगाह पर ईद की नमाज़ की इमामत किया करते थे ।
उर्दू की शिक्षा और उर्दू ज़बान के लिए इनके कार्य को हमेशा याद किया जाएगा ।
ज़फर अहमद सिद्दीकी ने “फिक्र ओ नज़र” व “मौलाना शिबली ब हैसियत ए सीरत निगार ” जैसी विभिन्न प्रकार की पुस्तकें भी लिखीं ।
देहांत के बाद अलीगढ़ विश्वविद्यालय के विभिन्न डिपार्टमेंट के प्रोफेसरों और डीन ने दुख जताया और कहा की ज़फर अहमद के बिना उर्दू पर रिसर्च और उर्दू की शिक्षा अधूरी है ।
जनपद मऊ के घोसी जमाल पुर मिर्जा पुर (मलिकपुरा) के निवासी मौलाना ज़फ़र अहमद सिद्दीकी प्रोफेसर पहले काशी हिन्दू विश्व विद्यालय बनारस मे अरबी डिपार्अटमेन्ट मे रहे।मौलाना ज़फ़र सिद्दीक़ी घोसी की एक अज़ीम शख्सियत थे।मौलाना घोसी स्थित बाग पोखर ईदगाह के इमाम भी रहे अपने क्षेत्र से इतना मुहबब्त करते रहें की हर वर्ष कम से कम ईद और बकरा ईद मे इमामत के साथ क्षेत्र मे मिलना जुलना तथा शिक्षा को प्रोत्साहन देकर देश समाज को विकसित करना मौलाना का मुख्य मकसद रहा।