गोरखपुर। रमज़ान हेल्पलाइन नंबरों पर सवालो-जवाब का सिलसिला शुरु हो गया है। सोमवार को लोगों ने उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमजान हेल्पलाइन नंबरों पर सवाल कर जवाब हासिल किए। लोगों ने नमाज़, रोज़ा, जकात, फित्रा आदि के बारे में सवाल पूछे। उलमा-ए-किराम ने क़ुरआन व हदीस की रौशनी में जवाब दिया।
- सवाल : बगैर किसी वजह के रोज़ा छोड़ने वाला शख्स कैसा है? (मो. हबीब, बड़गो)
जवाब : ऐसा शख्स सख्त गुनाहगार और अजाबे जहन्नम का हक़दार है। (कारी मो. अनस रज़वी)
- सवाल : किन वजहों से रोजा छोड़ा जा सकता है? (मो. शहाबुद्दीन, सूफीहाता)
जवाब : रोज़ा दो वजहों से छोड़ा जा सकता है, 1. बीमारी 2. सफर यानी बीमार और मुसाफिर को इजाजत है कि वह रमज़ान के दिनों में रोज़ा न रखे और बाद में उसकी कज़ा कर ले। (मौलाना बदरे आलम निज़ामी)
- सवाल : शुगर के मरीज़ के लिए इफ्तार से 20 मिनट पहले इंसुलिन लेना कैसा है ? (मोहम्मद ओसामा, घोसीपुर)
जवाब : दुरुस्त है। रोज़ा नहीं टूटेगा। (मुफ्ती अख्तर हुसैन मन्नानी)
- सवाल : रोज़े की हालत में इनहेलर (Inhaller) का इस्तेमाल करना कैसा है? (सैयद हुसैन अहमद, सूरजकुंड)
जवाब : रोज़े की हालत में इनहेलर (Inhaller) का इस्तेमाल दुरुस्त नहीं। रोज़ा टूट जाएगा। (मुफ्ती मो. अज़हर शम्सी)
- सवाल : नाबालिग बच्चों के नाम जो रकम फिक्स है उस पर जकात है या नही? (आज़म ख़ान, रसूलपुर)
जवाब : नहीं नाबालिग बच्चों के नाम जो रकम फिक्स है उस पर जकात वाजिब नहीं न लड़के पर न मां-बाप पर। (हाफ़िज़ रहमत)
- रोज़े की हालत में अगर खांसते समय मुंह से खून या बलगम आ जाए तो क्या हुक्म है? (महताब आलम, तकिया कवलदह)
जवाब : रोज़ा नहीं टूटेगा। बल्कि वुजू भी नहीं टूटेगा। (मुफ्ती अख़्तर हुसैन मन्नानी)
- सवाल : क्या इंजेक्शन लगवाने से रोज़ा टूट जाता है? (नदीम अहमद, तकिया कवलदह)
जवाब : नहीं। इंजेक्शन गोश्त में लगवाया जाए या नस में इससे रोज़ा नहीं टूटता। (मौलाना मो. असलम)
- सवाल : बीवी का इतना माल है कि उस पर जकात फ़र्ज़ हो जाती है। ऐसी सूरत में जकात की अदाएगी किस पर फ़र्ज़ होगी। बीवी पर या शौहर पर? (मो. काशिफ, घोसीपुर)
जवाब : आकिल, बालिग अपने माल का मालिक होता है मर्द हो या औरत। जकात माली इबादत है, जो दूसरे की ओर से उसी वक्त अदा होगी जब उसकी इजाजत हो। सवाल के मुताबिक जकात बीवी पर वाजिब है शौहर पर नहीं। हां, शौहर बीवी की इजाजत के बाद जकात अदा करे, तो अदा हो जाएगी। बिना इजाजत जकात नहीं अदा होगी। (मुफ्ती मेराज अहमद क़ादरी)
- सवाल : लोग तरावीह में दस रकात बड़ी और दस रकात छोटी तरावीह पढ़ रहे हैं। क्या ऐसी सूरत में नमाज़े तरावीह हो जायेगी? (शादाब अहमद, बड़गो)
जवाब : नमाज़े तरावीह का मुकम्मल सवाब मिलेगा। सिर्फ क़ुरआन कम सुनने की वजह से सवाब में कमी होगी। (मौलाना मोहम्मद अहमद)