गोरखपुर। हज़रत सैयदना इमाम हसन रदियल्लाहु अन्हु के शहादत दिवस पर मंगलवार को
तुर्कमानपुर में संगोष्ठी हुई। मुख्य अतिथि नौतनवां के सैयद हसनैन हमदानी ने कहा कि हज़रत सैयदना इमाम हसन के वालिद हज़रत सैयदना अली तथा आपकी वालिदा हज़रत फातिमा ज़हरा हैं। आपका जन्म मदीना में हुआ। आपकी सूरत पैगंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से बहुत अधिक मिलती थी। आपका पालन पोषण आपके माता-पिता व आपके नाना पैगंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की देखरेख में हुआ तथा इन तीनों महान हस्तियों ने मिलकर हज़रत इमाम हसन में मानवता के समस्त गुणों को विकसित किया।
नायब काजी मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी ने कहा कि भलाई करना, हज़रत इमाम हसन के व्यक्तित्व की विशेष पहचान है। हज़रत इमाम हसन वंचितों और पीड़ितों की आशा की किरण थे। हजरत इमाम हसन बहुत अधिक नैतिकता और इंसानी गुणों के मालिक थे, वह विनम्र, सम्माननीय, सुशील, दानी, क्षमा करने वाले और लोगों के मध्य पसंदीदा महान हस्ती थे। आपकी शहादत सफ़र माह की 28 तारीख को हुई। आपके पीने के पानी मे ज़हर मिला दिया गया था, यही ज़हर आपकी शहादत का कारण बना। आपको जन्नतुल बक़ी नामक कब्रिस्तान में दफ़न किया गया।
अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो शांति की दुआ मांगी गई। संगोष्ठी में कारी फिरोज आलम, मो. सैफ, हाफिज सलमान अशरफी, अफरोज अहमद, मो. कैफ, शहनवाज अहमद, कारी हुसैन आलम, हाजी सेराज अहमद, मौलाना दानिश रज़ा अशरफी आदि मौजूद रहे।