गोरखपुर। चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर व सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाजार में हदीस की अज़ीम व मशहूर किताब “सहीह मुस्लिम” तैयार करने वाले हज़रत सैयदना इमाम मुस्लिम बिन हज्जाज रज़ियल्लाहु अन्हु का उर्स-ए-पाक मंगलवार को अकीदत व एहतराम के साथ मनाया गया। कुरआन ख्वानी व फातिहा ख्वानी की गई।
हाफ़िज महमूद रज़ा कादरी ने कहा कि हज़रत सैयदना इमाम मुस्लिम की पैदाइश खुरासान के शहर निशापुर में 202 हिजरी में हुई। तक़रीबन 18 साल की उम्र में इल्म-ए-हदीस का आगाज़ किया। बेशुमार शहरों में सफ़र किया। इल्म-ए-हदीस को निहायत मेहनत से हासिल किया। आप इल्म-ए-हदीस में ज़बरदस्त सलाहियतों के मालिक थे। अल्लाह ने न सिर्फ हज़रत सैयदना इमाम मुस्लिम को इल्मी मक़ाम अता फ़रमाया बल्कि आपकी मशहूर किताब “सहीह मुस्लिम” को भी बुलन्द मर्तबा अता फ़रमाया।
हाफ़िज रहमत अली निज़ामी ने कहा कि हज़रत सैयदना इमाम मुस्लिम सुर्ख व सफ़ेद रंगत बुलंद क़ामत और खूबसूरत बावक़ार शख्सियत थे। आप अमामा बांधते थे। निहायत सादा दिल सूफी आदमी थे। आप इल्मी कमालात व महारत में ही नहीं बल्कि अपनी इबादत व तक़वा में भी बुलंद व मुमताज़ मक़ाम रखते हैं। अपना गुज़र बसर कपड़ों की तिजारत से किया करते थे। आपका निधन 24 रजब 261 हिजरी में हुआ। आपका मज़ार ईरान के सूबा निशापुर में है।
अंत में सलातो सलाम पढ़कर अमनो शांति की दुआ मांगी गई। शीरीनी बांटी गई। उर्स में हाफ़िज सैफ अली, हाफ़िज आमिर हुसैन निज़ामी, महबूब आलम, गुलाम जीलानी, हाफ़िज सद्दाम हुसैन, अबू बक्र, हाफ़िज मुजम्मिल रज़ा, मो. जैद, इमरान, मो. रुशान, आसिफ रज़ा, रहमत अली अंसारी, इमाम हसन, मुख्तार खान, साद अहमद, अजहर अली, फुजैल, फैज़ान, चांद अहमद, नेसार अहमद, शहाबुद्दीन, सलीम आदि मौजूद रहे।