नमाज़े चाश्त का वक़्त
सूरज निकलने के 20 मिनट बाद से ले कर ज़हवये क़ुबरा यानी ज़वाल से पहले तक है, लेकिन ईद के दिन ईद की नमाज़ के बाद पढ़ना होता है
नमाज़े चाश्त में काम से कम 2 रकअत और ज़्यादा से ज़्यादा 12 रकअत हैं और अफ़ज़ल 12 रकअत हैं, अब जो जितनी चाहे पढ़ सकता है
इसके लिए कोई खास तरीक़ा नही है जैसे आम नफ़्ल या सुन्नत की नमाज़ पढ़ते हैं बस वैसे ही पढ़ना है
अब आप चाहे 2 रकअत ही पढ़ें या 4 रकअत या 12, कम से कम 2 रकअत और ज़्यादा से ज़्यादा 12 रकअत है
और चाहे 2-2 रकअत करके पढ़ लें या 4-4 कर के
और अगर 4-4 रकअत करके पढ़ेंगे तो हर क़ायदे में अत्तहयात के बद दुरुदे इबराहीमी और दुआए मासूरह पढ़ना होगा और जब तीसरी रकअत के लिए खड़े होंगे तो सना पढ़ना होगा
नमाज़े चाश्त की नियत
नियत की मैंने (2 या 4) रकअत नमाज़ नफ़्ल नमाज़े चाश्त की वास्ते अल्लाह तआला के रुख मेरा किबला शरीफ़ की तरफ अल्लाहु अकबर