- अगस्त क्रांति दिवस पर निकाली “नफ़रत छोड़ो-भारत जोड़ो” यात्रा
बाराबंकी(अबू शहमा अंसारी)। क्विट इंडिया मूवमेंट अब लूट इंडिया मूवमेंट बन गया है। इस लूट इंडिया मूवमेंट से लड़ने की जिम्मेदारी हमारी है। देश की युवा पीढ़ी की है। उन्हें यह समझना चाहिए कि 42 के आंदोलन में लाखों लोगों को जेलों में डाल दिया गया। हजारों की संख्या में लोग मार दिए गए। फिर भी सोशलिस्टों ने आजादी की अंतिम लड़ाई का यह आंदोलन जारी रखा। इसलिए इस रवायत को हमे ज़िन्दा रखना है। तब का भारत छोड़ो आंदोलन अब भारत जोड़ो आंदोलन बन गया है, जो वक्त की जरूरत हैं। यह बात गांधी भवन में अगस्त क्रांति दिवस की 81 वीं वर्षगांठ पर गांधी जयंती समारोह ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे प्रसिद्ध मजदूर नेता चंद्र प्रकाश अवस्थी ‘बब्बू अवस्थी’ ने कही। बुधवार को समाजवादी चिंतक राजनाथ शर्मा के नेतृत्व में नगर के गांधी भवन से पटेल तिराहा तक ‘नफ़रत छोड़ो-भारत जोड़ो’ यात्रा निकाली गई। जिसमे बड़ी संख्या में छात्र, नवजवान, अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। इसके उपरांत गांधी भवन में झंडारोहण कर 9 अगस्त के स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित की गई। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए समाजवादी चिंतक राजनाथ शर्मा ने कहा कि आज़ादी के 75 साल बाद आज भी देश में लोकतंत्र की लड़ाई जारी है। आज मुंबई में 42 के आंदोलन के सेनानी 99 वर्षीय जी.जी पारिख और महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी को अगस्त क्रांति मैदान जाने से रोका गया। यही नहीं महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर नजरबंद कर दिया। जो सत्तारूढ़ दल के दमन और अन्याय का खिनौना चेहरा सामने आया है। जो अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है। श्री शर्मा ने बताया कि समाजवादी चिंतक डॉ. लोहिया चाहते थे कि 9 अगस्त देश में इतने जोरदार तरीके से मनाया जाए कि 15 अगस्त का कार्यक्रम उसके सामने फीका पड़ जाए लेकिन शासकों ने ऐसा नहीं होने दिया। उन्होंने 9 अगस्त की महत्ता कभी देशवासियों के सामने नहीं रखी। जबकि जनक्रांति की जगह उन्होंने राज सत्ता के हस्तांतरण को ही महत्व दिया। और 15 अगस्त स्वाधीनता दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। जिला सहकारी विकास संघ के पूर्व डायरेक्टर शिवशंकर शुक्ला ने कहा कि देश में एक बार फिर साम्राज्यवादी ताकतों के विरुद्ध अगस्त क्रांति जैसा माहौल तैयार हो रहा है। हमें सरकार के गलत कामों का विरोध करना चाहिए। ताकि देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था बनी रहे। सभा का संचालन पाटेश्वरी प्रसाद ने किया। इस मौके पर प्रमुख रूप से उप्र कोआपरेटिव बैंक के पूर्व चेयरमैन धीरेंद्र वर्मा, समाजसेवी विनय कुमार सिंह, पर्यावरणविद सलाहउद्दीन किदवई, विद्युत कर्मचारी नेता संतोष कुमार, अधिवक्ता सरदार राजा सिंह, मृत्युंजय शर्मा, विजय पाल गौतम, सपा नेता दानिश सिद्दीकी, पूर्व सभासद प्रतिनिधि विनोद भारती, राघवेंद्र पांडे, भागीरथ गौतम, वीरेंद्र सिंह, सईद अहमद, जमील उर रहमान, सत्यवान वर्मा, अशोक जायसवाल, विजय कुमार सिंह ‘मुन्ना’, पत्रकार संतोष शुक्ला, प्रहलाद यादव, मोहम्मद अनस, जमाल नईम खान, नीरज दूबे सहित कई लोग मौजूद रहे।