- मस्जिदों में जारी ‘जिक्रे शोह-दाए-कर्बला’ महफिल
गोरखपुर। पांचवीं मुहर्रम को मस्जिदों, घरों व इमामबाड़ों में ‘जिक्रे शोह-दाए-कर्बला’ महफिलों का दौर जारी रहा। फातिहा ख्वानी हुई। ‘शोह-दाए-कर्बला’ का जिक्र सुनकर सबकी आंखें भर आईं। मदरसा हुसैनिया दीवान बाजार में मौलाना महमूद रजा कादरी के नेतृत्व में संगोष्ठी हुई। बक्शीपुर में जलसा हुआ।
सुन्नी जामा मस्जिद सौदागर मोहल्ला में कारी मो. मोहसिन बरकाती ने कहा कि इमाम हुसैन ने अपने साथियों के साथ यजीद की कई गुना बड़ी फौज के साथ किसी मंसब, तख्तोताज, बादशाहत, किसी इलाके को कब्जाने अथवा धन-दौलत के लिए जंग नहीं की बल्कि पैगंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के दीन-ए-इस्लाम व इंसानियत को बचाने के लिए जंग की थी।
फैजाने इश्के रसूल मस्जिद शहीद अब्दुल्लाह नगर में मुफ्ती-ए-शहर अख्तर हुसैन मन्नानी ने कहा कि यज़ीदियत हर दौर में हुसैनियत से हारती रहेगी क्योंकि हक़ से कभी बातिल जीत नहीं सकता। जब परेशानी आए तो सब्र से काम लेना है। वर्तमान दौर में हजरत हसन-हुसैन की शहादत को याद कर स्वच्छ समाज निर्माण करने की जरूरत है।
गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर में मौलाना मोहम्मद अहमद निजामी ने कहा कि इमाम हुसैन व उनके साथियों ने यजीद फौज की बर्बता के सामने इस्लाम के अलम को झुकने नहीं दिया। वह अपने परिवार समेत जालिमों के हाथों शहीद हो गये, लेकिन दुनिया को संदेश दे गए कि सही कदम उठाने वाला शहीद होकर भी हमेशा ज़िंदा रहता है। सब्र की मेराज का नाम इमाम हुसैन है।
सुन्नी बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर में मौलाना अली अहमद ने कहा कि इमाम हुसैन अपने इल्म, अख्लाक, बहादुरी, तकवा, परहेजगारी, इबादत और किरदार की वजह से बहुत ज्यादा मकबूल हैं। बुराई का नाश करने के लिए पैग़ंबरे इस्लाम के नवासे हज़रत फातिमा के जिगर के टुकड़े हज़रत अली के सुपुत्र इमाम हुसैन, उनके परिवार व साथियों सहित कुल 72 लोगों ने शहादत दी। अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो शांति की दुआ मांगी गई। शीरीनी बांटी गई। अली बहादुर शाह यूथ कमेटी व गौसे आज़म फाउंडेशन द्वारा रहमतनगर, बक्शीपुर सहित कई जगहों पर मीठा चावल बांटा गया। जिसमें अली गजनफर शाह, काशिफ कुरैशी, आसिफ, मो. कासिम, फैज मुस्तफाई, आरिफ, शहजादे, अली अशहर, सैफ आलम, मो. अनस, शीबू अली, सरफराज, अमान, चिंटू, समीर अली, जैद मुस्तफाई, हाफिज अमन, रेहान, आसिफ अली, अमान, तनवीर अहमद, रियाज अली आदि शामिल रहे।