लेखक: मह़मूद रज़ा क़ादरी, गोरखपुर
फरिश्ते अल्लाह ताला की खुफिया तदबीर उसकी पकड़ और उसकी कहर से किस कदर खौफ ज़दा रहते हैं इस सिलसिले में (4) हदीसें मुलाहिजा़ करें
(1) हजरत ए जाबिर रजियल्लाहु अन्हो से रिवायत है कि हुजूर ए अकदस सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया मैं मेराज की रात फरिश्तों के पास से गुजरा तो हजरत ए जिब्रील अलैहिस्सलाम अल्लाह ताला की खौफ (डर)की वजह से उस चादर की तरह थे जो ऊंट की पीठ पर डाली जाती है।
(मुअज्जीमुल अवसत, बाबुल एैन, मिन इस्मेही अब्दुल रहमान, 3/309/हदीस, 2479)
(2) एक रिवायत में है कि हजरत ए जिब्रील अलैहिस्सलाम सैयदुल मुरसलीन सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम की बारगाह में रोते हुए हाजिर हुए आप सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया तुम क्यों रो रहे हो?? हजरत ए जिब्रील अलैहिस्सलाम ने अर्ज़ की जब से अल्लाह ताला ने जहन्नम को पैदा फरमाया है तब से मेरी आंख इस खौफ (डर)की वजह से (खुश्क) नहीं हुई कि कहीं मुझ से अल्लाह ताला की कोई नाफरमानी हो जाए और मैं जहन्नम में डाल दिया जाऊं।
(शोबुल ईमान, 1,/521,अल हदीस, 915)
(3) हजरत अनस रजियल्लाह अन्हो फरमाते हैं रसूले करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने हजरत जिब्रील अलैहिस्सलाम से दरियाफत किया कि मैंने कभी हजरत ए इसराफिल अलैहिस्सलाम को हंसते हुए नहीं देखा इसकी क्या वजह है।?? हजरत जिब्रील अलैहिस्सलाम अर्ज़ की जब से जहन्नम को पैदा किया गया है तब से हजरत ए इसराफिल अलैहिस्सलाम नहीं हंसे!
(मुसनद इमाम ए मुहम्मद, 4,/447/अल हदीस, 1342)
(4) नबी ए अकरम सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया अल्लाह ताला के कुछ फरिश्ते ऐसे हैं जिनके पहलू उसके खौफ (डर)की वजह से लरज़ते रहते हैं उनकी आंख से गिरने वाले हर आंसू से एक फरिश्ता पैदा होता है जो खड़े होकर अपने रब तआला की पाकी बयान करना शुरू कर देता है।
(शोबुल ईमान, अलहादी, 1/521,अल हदीस, 914)
फरिश्ते गुनाहों से मासूम होने के बावजूद अल्लाह ताला की ख़ुफिया तदबीर से इस कदर डरते हैं तो हर नेक और गुनाहगार मुसलमान को भी चाहिए कि वह अल्लाह ताला की खुफिया तदबीर से डरे और उसकी पकड़ गिर्फत और कहर से खौफ (डर) खाए अल्लाह ताला सब मुसलमानों को इस की तौफीक अता फरमाए आमीन