गोरखपुर। सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाजार में बाद नमाज़ फज्र परचम कुशाई हाफिज रहमत अली निजामी ने की। इसके बाद मिलाद शरीफ का प्रोग्राम हुआ। जिसमें हाफिज रहमत अली निजामी ने पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के फजाइल बयान किए। बोले कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के विलादत (जन्मदिवस) की ख़ुशी मनाना यह सिर्फ इंसानों की ही खासियत नहीं है बल्कि तमाम कायनात उनकी विलादत की खुशी मनाती है बल्कि खुद अल्लाह पैग़ंबरे इस्लाम का मिलाद बयान फरमाता है। पूरा क़ुरआन ही मेरे आका की शान से भरा हुआ है।अल्लाह ने पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बैअत को अपनी बैअत, आपकी इज्जत को अपनी इज्जत, पैग़ंबरे इस्लाम की ख़ुशी को अपनी ख़ुशी, आपकी मोहब्बत को अपनी मोहब्बत, आपकी नाराज़गी को अपनी नाराज़गी क़रार दिया है।
घोसीपुर में सुबह परचम कुशाई के बाद मिलाद की महफिल हुई। जिसमें मुफ़्ती मेराज अहमद कादरी ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम की तालीम से ही दुनिया में शांति संभव है। सारा जहां पैग़ंबरे इस्लाम के विलादत की खुशियां मना रहा है। पैग़ंबरे इस्लाम केवल मुसलमानों में ही नहीं बल्कि हर धर्म में कद्र की ऊंची मंजिल पर विराजमान हैं। इसके बाद सलातो-सलाम पढ़ा गया। मिलाद में सैयद मो. काशिफ, सैयद मो. ओसामा, सैयद शारिक, सैयद अलतमश, मो. याकूब, मो. अमन, चंदू आदि मौजूद रहे।
मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक में मुफ्ती मेराज अहमद कादरी व हाफिज मोहम्मद जुनैद आलम, छोटे काजीपुर स्थित गौसिया जामा मस्जिद में परचम कुशाई की रस्म मौलाना मोहम्मद अहमद निज़ामी व कारी शमसुद्दीन ने अदा की। नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर में मौलाना मो. असलम रज़वी, मस्जिद जामे नूर बहादुर शाह जफ़र कालोनी बहरामपुर में हाफ़िज़ सद्दाम हुसैन, मास्टर मुख्तार अहमद, कारी जमील मिस्बाही, मोहल्ला सौदागार सुन्नी जामा मस्जिद में कारी मो. मोहसिन रज़ा, मियां बाजार में वारिस कमेटी के अब्दुल कादिर, नूर मोहम्मद दानिश, अली हसन, बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर में मौलाना अली अहमद, मस्जिद सुब्हानिया तकिया कवलदह में मौलाना जहांगीर अहमद अज़ीज़ी, अक्सा मस्जिद शाहिदाबाद में मौलाना तफज़्ज़ुल हुसैन, बेलाल मस्जिद इमामबाड़ा अलहदादपुर में कारी शराफत हुसैन क़ादरी, शाही जामा मस्जिद तकिया कवलदह में हाफ़िज़ मो. आफताब, मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर में नायब काजी मुफ़्ती मो. अज़हर शम्सी, जामा मस्जिद रसूलपुर में मौलाना मो. शादाब बरकाती, चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में हाफ़िज़ महमूद रज़ा कादरी, आदि ने परचम कुशाई की रस्म अदा की। इसके अलावा शहर की ज्यादातर मस्जिदों में परचम कुशाई की रस्म अदा की गई।