गोरखपुर। शहर के जाफरा बाजार से 137 साल (सन् 1881 ई.) पहले 12 पन्नों का दैनिक उर्दू अखबार ‘रियाजुल अखबार’ निकलता था। वहीं नखास से 136 साल (सन् 1882 ई.) पहले 16 पन्नों का साप्ताहिक उर्दू अखाबार ‘फित्ना’ बाद में फित्ना-इतरे-फित्ना निकलता था। यह अखबार निकाला करते थे मशहूर शायर व पत्रकार सैयद रियाज अहमद […]
लेख
शुभचिंतक कौन ? राजनीतिक दल या मुसलमान!
एक बोटी गोश्त और थाने में एक कुर्सी के इर्दगिर्द घूमती मुस्लिम राजनीति पर एक विशेष विश्लेषण लेखक: मुहम्मद ज़ाहिद अली मरकज़ी कालपी शरीफ़अध्यक्ष: तहरीक-ए-उलमा-ए-बुंदेलखंड।सदस्य: रौशन मुस्तक़्बिल दिल्ली। जिसने कुछ एहसां किया, एक बोझ सर पर रख दियासर से तिनका क्या उतारा, सर पे छप्पर रख दिया जलाल लखनवी की यह पंक्तियाँ मुसलमानों की राजनीतिक […]
मुस्लिम नेतृत्व और राजनीतिक “स्लो पाॅइज़न
मुस्लिम नेताओं की राजनीति ख़त्म करके उन्हें देश व समाज का ग़द्दार साबित करने वाले सेक्युलरिज़्म के ठेकेदारों की सच्चाई बयान करता एक लेख। लेखक: मुहम्मद ज़ाहिद अली मरकज़ी, कालपी शरीफचेयरमैन: तहरीक उलमा ए बुंदेलखंडमेम्बर: रोशन मुस्तक़बिल, दिल्लीअनुवादक: मुहम्मद तशहीर रज़ा मरकज़ी, शाहजहांपुर “स्लो पाॅइज़न” नाम तो सुना ही होगा, यह एक ऐसा ज़हर है […]
तीन सौ साल पुराना है शहर का ये खानदान
गोरखपुर शहर के जाफ़रा बाज़ार में ‘सब्जपोश’ खानदान करीब तीन सौ सालों से बसा हुआ है। इस खानदान और शहर के बड़े वलियों में शुमार हज़रत मीर सैयद कयामुद्दीन शाह अलैहिर्रहमां का 315वां उर्स-ए-पाक 16 सितम्बर को है। हज़रत मीर सैयद कयामुद्दीन अलैहिर्रहमां शहंशाह शाहजहां के जमाने में गोरखपुर आए। इनके पीर हज़रत शैख़ मोहम्मद […]
अंसारी परिवार पर समाजवाद के डोरे
लेखक- मुहम्मद जाहिद अली मरकजी़ कालपी शरीफ।चेयरमैन-तहरीक ए उलमा ए बुंदेलखंड।सदस्य- रोशन मुस्तकबिल दिल्ली। समाजवादी पार्टी में मुख्तार अंसारी के भाई सिब्गतुल्लाह अंसारी की के शामिल होने के बाद अब मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी के आने की नहीं चर्चा है। हालांकि सिब्गतुल्लाह साहब या किसी मुस्लिम लीडर की स्थिति वहां क्या है इस […]
