कविता

चांद का सफर

भारत के इरतिकां का सफ़र चांद का सफर
है मरजये शोऊर ओ नज़र चांद का सफ़र

सारे मुमालिक इस्पे किए जा रहे है रश्क
है यूं निशाने फतहो ज़फर चांद का सफ़र

उस्ताद से यह कहते है बच्चे मचल के सब
हम को कराइएगा ए सर चांद का सफ़र

साइंस दाने इसरो पे साइंस को है फख्र
नासा का भी है रश्के हुनर चांद का सफ़र

अव्वल बनाया हिंद को कुल कायनात में
जानिब जुनूब की है सफ़र चांद का सफ़र

हिम्मत ना हारें हम कभी , बढ़ता रहे कदम
दिल में बसा गया यह असर चांद का सफ़र

हम बन के ऑक्सीजन रहेंगे तुम्हारे साथ
महबूब तुम करोगे अगर चांद का सफ़र

ऐनी है भारती उसे भी नाज़ है बहुत
ऊंचा किया है तू ने यह सर चांद का सफ़र

लेखक:
सैयद खादिमे रसूल ऐनी

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