- किसी के उकसावे व बहकावे में न आयें, सोशल मीडिया पर कोई ग़ैर क़ानूनी और आपत्तिजनक सामग्री अपलोड न करें।
- मुल्क के हिंदू मुस्लिम समाज के बीच नफ़रत फैलाने वाले मीडिया चैनलों से अमन पसंद देशवासी दूरी बनायें: दरगाह प्रमुख।
बरेली शरीफ
आला हज़रत के उर्स के मौक़े पर प्रत्येक वर्ष एक पोस्टर जारी होता है। जिसमे उर्स के दौरान होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी होती है। ये पोस्टर देश-विदेश तक जाता है। पोस्टर के माध्यम से प्रत्येक वर्ष दरगाह प्रमुख की ओर से एक अहम पैग़ाम जारी किया जाता है। इस वर्ष के संदेश में दरगाह प्रमुख ने बताया है कि इस समय मुल्क का नफ़रत भरा माहोल सबके सामने है। कुछ विशेष नफ़रती संगठन देश के नागरिकों के बीच नफ़रत का बीज बोने के साथ इस देश के नागरिक मुस्लिम समाज को निशाना बना रहे हैं। मुसलमानों को उनके मज़हब व मसलक और शरीयते इस्लामिया से दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। सुनियोजित ढंग से नफ़रत फैलाने वाले कुछ मीडिया चैनल रात व दिन इस्लाम धर्म और इस्लामी शरीयत को नीचा दिखाने के लिये इसके विरूद्व प्रोपेगंडा चला रहे हैं। भारतीय मुसलमानों की छवि को देश विरोधी और राष्ट्रविरोधी साबित करने के लिये दुष्प्रचार कर रहे हैं।
आगे कहा कि देश के हिंदुओं और मुसलमानों के बीच नफ़रत फैला कर एक दूसरे का दुश्मन बनाने का कार्य कर रहे हैं। ऐसे नफ़रती चैनलों से देश के हिंदू, मुस्लिम अपने बच्चों को दूर रखें कि इन चैनलों के दुष्प्रचार का बच्चों के ज़हन पर गलत असर पड़ रहा है। इनके अंदर अपराधिक, मारपीट, दंगा व फ़साद और नफ़रत के भाव पैदा हो रहे हैं। नफ़रत फैलाने वाले अपनी नफ़रती डिबेट में जिन बनावटी मुस्लिम स्काॅलर और बनावटी व नकली उलमा को बैठा रहे हैं मुसलमानों को चाहिये कि ऐसे बनावटी और नकली मुस्लिम स्काॅलर व उलमा से अपनी नस्ल को भी दूर रखें और अपने समाज को भी कि यह लोग समाज में नफ़रत फैलाने का काम कर रहे हैं।
इसके साथ ही दरगाह प्रमुख ने मुस्लिम नौजवानों से यह अपील भी की कि किसी के बहकावे और उकसावे में आकर कोई असैंवाधानिक कार्य न करें। मुसलमानों से धृणा करने वाला एक नफ़रती गैंग सुनियोजित ढंग से पहले आपको भड़काऊ बातें करके और अपने धार्मिक जुलूसों में मस्जिदों आदि के सामने भड़काऊ नारे लगाकर आपको उकसाता है और सुनियोजित ढंग से उन्हीं में शामिल कुछ शरारतीतत्व पत्थरबाज़ी करके दंगा व फ़साद करा देते हैं और इल्ज़ाम व आरोप मुस्लिम नौजवानों पर आ जाता है इसलिए ऐसे नफ़रती, भड़काऊ और शरारती तत्वों के उकसावे और भड़काने पर न भड़कें बल्कि ऐसे माहोल ख़राब करने वाले शरारती तत्वों के विरूद्व कानूनी कार्यवाही करें। कानून अपने हाथ में हरगिज़ न ले।हज़रत सुब्हानी मियां ने नौजवानों को चेताते हुये कहा कि सोशल मीडिया आज हमारी ज़िंदगी का एक महत्वपूर्ण अंग बन चुका है मगर इसके प्रयोग व इस्तेमाल में सावधानी बरतें, कोई आपत्तिजनक, राष्ट्रविरोधी,मानवता विरोधी और शरीयत विरोधी सामग्री अपलोड न करें कि जिससे मुल्क का माहोल ख़राब हो या किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचे। उन्होंने ख़ानक़ाहों, मुफ़्तियों और सामाजिक लीडरों से भी अपील की है कि देश के माहोल को अच्छा करने, आपसी सौहार्द को बढ़ावा देने और अपनी नई नस्ल और नौजवानों को तबाही, बर्बादी, नफ़रती गैंग तथा नफ़रत फैलाने वाले संगठनों से बचाने के लिये ज़मीनी प्रयास करें, उन्हें शिक्षित करें। उलमा से यह भी अपेक्षा की है कि वह अपनी नई नस्ल को मज़हब व मसलक और संविधान की ठोस जानकारी दें और समाज सुधार के काम करें। देश में फैलने वाली इस नफ़रत की रोकथाम के लिये आगे आयें। यह भी दुआ की कि अल्लाह तआ़ला हमारे मुस्लिम समुदाये को मज़हबे अहले सुन्नत मसलके आला हज़रत पर बरक़रार रखे
नासिर कुरैशी
मीडिया प्रभारी
दरगाह आला हज़रत
9897556434