फजले रसूल/सिद्धार्थनगर
आज स्वतंत्रता दिवस के के पावन अवसर पर दारुल उलूम फैज़र्रसूल बराव शरीफ में बहुत ही जोश व खरोश के साथ यौमे आज़ादी का जश्न मनाया गया।
वैसे तो अगस्त माह के 11 तारीख से ही भारत सरकार के आदेश अनुसार दारुल उलूम फैज़र्रसूल बराव शरीफ में बिभिन्न प्रकार के कार्यक्रमो क़ी शुरुआत हो गयी थी लेकिन 15 अगस्त के दिन विशेष रूप से स्कूल के अध्यापक व बच्चे प्रोग्राम के इंतज़ाम में लग गए। बहुत ही अच्छे पैमाने पर जश्न क़ी तैयारी क़ी गयी। झण्डारोहण के समय के आधा घंटे पहले ही सभी विद्यार्थी अपने हाथो में तिरंगा लिए हुए कतार में खड़े हो गए।
सज्जादा नशीन खानकाहे फैज़र्रसूल हज़रत मौलाना गुलाम अब्दुल क़ादिर साहब ने परचम कुशाई क़ी। सब ने साथ में मिलकर क़ौमी तराना पढ़ा। दारुल उलूम फैज़र्रसूल बराव शरीफ के कई अध्यापको ने शहीदों के कुर्बानियों का तजकीरह करते हुए अपने विचार को पेश किया। मदरसे के प्रिंसिपल हज़रत मौलाना अली हसन अल्वी अजहरी ने खिताब फरमाते हुए तमाम मुजाहदीन आज़ादी के क़ुर्बानियों का तजकीरह करते हुए बेहतरीन खिताब पेश किया।
अंत में साहबे सज्जादा हुज़ूर मुफक्कीरे इस्लाम साहब ने कहा क़ी हमारी पहचान हिंदुस्तान है हमारा जीना यहाँ है और हमारा मरना भी यहीं पर होगा वतन क़ी मिट्टी से मुहब्बत हमारी रग रग में समाया हुआ है।
उन्होंने ने आगे कहा क़ी मैं उस मुजहिदे आज़ादी का बेटा हूँ जिन्होंने ये कहते हुए अंग्रेजी हुकूमत क़ी नौकरी को लात मार दिया था क़ी जो हुकूमत मेरे हमवतनो के हुक़ूक को पामाल करे मैं उस क़ी नौकरी नहीं कर सकता। ये मेरा प्यारा वतन जन्नत निशान है। मुसलमानो को अमन चैन क़ी जो जिंदगी यहाँ मिल रही है वो बहुत सारे इस्लामी मुल्को में नहीं मिल सकती।
आखिर में नायेबे सज्जादा नशीन हज़रत अल्लामा मो आसिफ अल्वी अजहरी ने वतन हिन्दुस्तान क़ी तरक़्क़ी व खुशहाली और अमन व अमान के लिए दुआ फरमाई